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संवेदनशीलता, मैत्रीभाव, समदर्शिता थी, वे ऐसी एकान्त मिथ्याबात कह ही नहीं सकते । जिनका पुरुषार्थ पर इतना विश्वास वे हम पर अविश्वास कैसे दिखा सकते हैं ? यह तो किसी स्त्रीद्वेषी व्यक्ति का काम है, जिसने यह अध्ययन इसमें जोडा है ! घट घट के अन्तर्यामी ये बात आप ही अच्छी तरह से जान सकते हो या देख सकते हो । हम तो छमस्थ हैं, परंतु आप पर और आपने बताये मार्गपर हमें पूरा विश्वास है ।
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