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सुप्पहहे दवत्ति
सुप्रभा के द्वारा शोध
(सुप्पहा) 6/1 अव्यय अव्यय (पाव) भूक 1/1
नहीं
पाविउ
पाया गया
22.2
1. पणप्पिणु
तेण वि .
प्रणाम करके उसके द्वारा
वुत्तु
(पणव) संकृ (त) 3/1 स अव्यय (वुत्त) भूकृ1/1 अनि अव्यय (गय) भूकृ 1/2 अनि (दियह) 1/2 (जोव्वण) 1/1 (ल्हस) भूकृ 1/1 (देव) 8/1
कहा गया इस प्रकार चले गए
गय दियहा जोव्वणु ल्हसिउ देव .
यौवन खिसक गया
2.
पढमाउसु
बुढ़ापा
धवलन्ति
आय
[(पढम) + (आउसु)]
प्रारम्भिक आयु को [ (पढम) वि-(आउस) 2/1] (जरा) 1/1 (धवल→धवलन्त→(स्त्री) धवलन्ती) सफेद करता हमा वकृ 1/1 (आय) भूकृ 1/1 अनि
आ गया अव्यय
और (असइ) 1/1.
कुलटा अव्यय
की तरह [(सीस)-(वलग्ग) 1/1 वि]
सिर पर चढ़ा हुआ (जाय) भूक 1/1 अनि
विद्यमान
पुण
असइ
सीस-बलग्ग जाय
गई
गति
तुट्टिय विडिय सन्धि-वन्ध
(गइ) 1/1 (तुट्ट-→तुट्टिय→(स्त्री) तुट्टिया) भूकृl/1 टूट गयो (विहड) भूक 1/2
खुल गए [ (सन्धि)-(वन्ध) 1/2]
हड्डियों के जोड़ों के बन्धन अव्यय
नहीं (सुण) व 3/2 सक
सुनते हैं
सुणन्ति
1. कभी-कभी तुतीया के स्थान पर षष्ठी का प्रयोग किया जाता है (हे. प्रा. व्या. 3-134)।
8
]
[ अपभ्रंश काव्य सौरभ
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