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रिसहर तरिणय प्राण
(रिसह) 6/1 (स्त्री) परसर्ग (आरण) स्त्री 1/1
ऋषभदेव की सम्बन्धसूचक सौगन्ध
2.
त रिणसुणिदि सेणगई सारियाई चडियई चावई उत्तारियाई
(त) 2/1 स (णिसुण+इवि) संकृ (सेण्ण) 1/2 (सार→सारिय) भूक 1/2 (चड→चडिय) भूकृ 1/2 (चाव) 1/2 (उत्तार→उत्तारिय) भूकृ1/2
उसको सुनकर सेनाएं हटाई गई चढ़े हुए
धनुष
उतारे गए
3.
उसको
तं रिगसुरिणवि रहसाऊरियाई
सुनकर बेग से भरी हुई
(त) 2/1 स (णिसुण+ इवि) संकृ [(रहस)+ (आऊरियाई)] [(रहस)-(आऊर) भूक 1/2] (वज्ज→वज्जंत) वकृ 1/2 (तूर) 1/2 (वार) भूक 1/2
वजंतई
बजती हुई तुरहियों रोकी गई
वारियाई
4.
त णिसुरिणवि धारापहसियाई करवालई कोसि णिवेसियाई
(त) 2/1स (रिणसुण+इवि) संकृ [(धारा)-(पहस) भूकृ 1/2] (करवाल) 1/2 (कोस) 7/1 (रिणवेस) भूकृ 1/2
उसको सुनकर धारों का उपहास को हुई तलवारें म्यान में रख दी गई
5.
उसको
तं णिसुरिणवि रिपद्धंगई
सुनकर
कान्तियुक्त घटकवाले
(त) 2/1 स (रिणसुण+इवि) संकृ [(रिणद्ध)+ (अंगई)] [[(गिद्ध) भूकृ अनि-(अंग) 1/2] वि] (घण) 1/2 (रिणमुक्क) भूकृ 1/2 अनि [(कवय)-(णिबंधण) 1/2]
घने
घरगाई रिणम्मुक्कई कवयरिणबंधणाई
खोल दिए गए कवचों के बन्धन
6.
तं णिसुरिणवि
(त) 2/1 स (रिणसुण+इवि) संकृ
उसको सुनकर
1. वृहत् हिन्दी कोश ।
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[ अपभ्रंश काव्य सौरभ
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