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संदरि पभणिउ मुणिवरेण
(सुंदरी) 8/1 (पभण) भूक 1/i (मुणिवर) 3/1
हे उत्तम स्वी कहा गया मुनिवर के द्वारा
3. उत्तुंगे
भरभारिपधरेण होसइ सुधीर
(उत्तुंग) 3/1 वि [(भर)-(भारिय) वि-(घर) 3/1 वि] (हो) भवि 3/1 अक (सुधीर) 1/1 वि (सुअ) 1/1 (गिरिवर)3/1
ऊँचे भारी मार धारण करनेवाले होगा अत्यधिक धैर्यवान
पुत्र
गिरिवरेण
गिरिवर (पर्वत) से
4. कुसुमरयसुरहिफयमहुअरेण [(कुसुमरय)-(सुरहि)-(कय) भूकृ अनि -
(महुअर) 3/1]
मकरन्द (फलों की रज) को सुगन्ध से आकर्षित किये गये भंवर सहित दानी लक्ष्मीवान तरुवर से
वाइउ लच्छीहरु तरुवरेण
(चाइअ) 1/1 वि 'अ' स्वार्थिक [(लच्छी )-(हर) 1/1 वि] (तरुवर) 3/1
5. सुररमणीकोलामणहरेण [(सुर)-(रमणी)-(कोला)-(मणहर) 3/! वि] देवताओं को रमणियों को
क्रीड़ा से सुन्दर सुरवंदणीउ [(सुर)-(वंदणीअ) 1/1 वि]
देवतानों द्वारा वंदनीय वरसुरहरेण [(वर) वि -(सुर)-(हर) 3/1]
इन्द्र के घर से
जल-तरंगें माकाश से छ ली
6. जललहरीधुंबियप्रवरेण [[(जल)-(लहरी)-(चुंबिय) भूक -(अंबर)
3/1]वि] गुणगणगहीर
[(गुण)-(गण)-(गहीर) 1/1] रयणायरेप
(रयणायर) 3/1
गुणों का समूह (तया)गंभीर समुद्र से
7. पइरिणविडजडत्तविणासणेण[ (अइ) वि-(णिबड) वि -(जडत्त) बि -
(विणासण)3/1वि] कलिमलु
(कलिमल) 2/1 रिगडहाइ
(रिगड्डह) व 3/सक हुआसणेष
(हुआसण) 3/1
प्रति घने जड़त्व का विनाश करनेवाली पाप (रूपी) मल को जला देता है (रेगा) अग्नि से
8. सुंदर
मरणहरु गुणमरिमणिकेउ जुवईयरवल्लहु मयरकेउ
(सुदर) 1/1 वि (मणहर) 1/1 वि [(गुण)-(मणि)-(णिकेअ) 1/1] [(जुवई)-(यण)-(वल्लह) 1/1 वि] (मयरकेउ) 1/1
सुन्दर मनोहर गुणरूपी मरिणयों का पर युवती वर्ग का प्रिय प्रेम का देवता
अपभ्रंश काव्य सौरभ ।
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