Book Title: Apbhramsa Kavya Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 355
________________ पृष्ठ संख्या पंक्ति संख्या कडवक संख्या अशुद्ध शुद्ध 57 11 [8] 58 12 17 2.10.7 2.11 8.32.3 3.1.9 3.5.10 [7] 13 कस्सीरएँ 64. 5 25 करसीरऍ रण स्थित 67. स्थिर ___ नोट-पृष्ठ संख्या 37 पर कडवक संख्या 16.7.7 (शुद्ध की हुई) के हिन्दी अनुवाद को इस प्रकार पढ़ें-जो न जीर्ण होता है (न) क्षीण होता है तो (हम) (उसको) प्रणाम करते हैं । यदि (कोई अपनी) पीठ भंग नहीं करता तो (हम उसको) प्रणाम करते हैं । 42 ] अपभ्रंश काव्य सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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