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रुद्ददत्तु रिगवडिउ णरयण्णवे
(रुद्ददत्त) 1/1 (णिवड→णिवडिअ) भूकृ 1/1 [(णरय) + (अण्णवे)] [(णरय)-(अण्णव):/l] [ (विसय)-(जुत्त) भूकृ 1/1 अनि]
पड़ा नरकरूपी समुद्र में
विसयजुस्तु
विषयों में लीन
आयरेण
जो
(वढ) 1/1 वि क्रिविअ (ज) 1/1 सवि (रम) व 3/1 सक (जूअ) 2/1 [(बहु) वि-(डफ्फर) 3/1]
उत्साहपूर्वक जो खेलता है जुआ
रमद
बहुडपफरेण
6
सो
च्छोहजुत्तु पाहगइ जणि सस घरिरिण पुत्तु
यह रोष से युक्त हुमा कष्ट देता है माता बहिन
पत्नी पुत्र को
(त) 1/1 सवि [(च्छोह)-(जुत्त) भूकृ I/1 अनि] (आहण) व 3/1 सक (जणणी) 2/1 (ससा) 2/1 (घरिणी) 2/1 (पुत्त) 2/1 (जूय) 2/1 (रम→रमंत) बकृ 1/1 (णल) 1/1 अव्यय (जुहिट्ठिल्ल) 1/1 (विहुर) 21 (पत्त) भूक 1/1 अनि
7.
जयं
रमंतु
णलु
सह्य
जुआ खेलते हुए नल ने और इसी प्रकार युधिष्ठिर ने कष्ट पाया
जुहिडिल्लु विहरु पत्तु
8. मंसासणेण
बढेइ
बप्पु
[(मंस) + (असणेण)] [(मंस)-(असण)3/1] मांस खाने के कारण (वड) व 3/1 अक
बढ़ता है (दप्प) 1/1
अहंकार (दप्प) 3/1
अहंकार के कारण (त) 3/1 सवि
उस
दप्पेण तेण
अहिलसह
मज्जु
(अहिलस) व 3/1 सक (मज्ज) 2/1 (जूअ) 2/1 अव्यय (रम) व 3/1 सक
इच्छा करता है मद्य की (को) जुमा
मी
रमेह
खेलता है
अपभ्रंश काव्य सौरभ ]
[
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