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होओ
कि
वालहों दूसिउ पर-लोमो
(हो→होअ) भूकृ 1/1 अव्यय (वाल) 4/ (दूस→सिअ) भूकृ 1/1 [(पर) वि-(लोअ) 1/1]
क्या बालक के लिए (का) दूषित पर-लोक
5.
कि वालहों सम्मत्तु
क्या बालक के लिए सम्यक्त्व नहीं
म
होरो
अव्यय (वाल) 4/1 (सम्मत्त) 1/1 अव्यय (हो) भूकृ1/1 अध्यय (वाल) 4/1 अव्यय [(इट्ठ) भूकृ अनि-(विओअ) 1/1]
कि
वालहों
क्या बालक के लिए नहीं इष्ट-वियोग
इट्ठ-विओम्रो
6.
कि वालहों जर-मरणु
क्या बालक के लिए जरा-मरण
नहीं
दुक्का
कि
अव्यय (वाल) 4/1 [(जरा)-(मरण) 1/1] अव्यय (ढुक्क) व 3/1 अक अव्यय (वाल) 4/1 (जम) 1/1 (दिवस) 2/1 अव्यय (चुक्क) व 3/1 सक
वालहों
जम् दिवसु
आता है क्या बालक के लिए यमराज दिन (को) पादपूरक भूल जाता है
वि
चुक्कड़
7.
तं रिणसुणेवि भरह रिणमच्छिउ तो कि पहिलउ पट्ट पडिच्छिउ
(त) 2/1 स (णिसुण+एवि) संकृ (भरह) 1/1 (णिब्भच्छ) भूकृ 1/1 अव्यय अव्यय (पहिलअ) 1/1 वि 'अ' स्वाथिक (पट्ट) 1/1 (पडिच्छ) भूकृ 1/1
उसको सुनकर भरत झिडका गब तब
क्यों
पहले
राज-पट्ट स्वीकार किया गया
8. एवहिं
सयलु
अव्यय (सयल) 1/1 वि
इस समय सम्पूर्ण
अपभ्रंश काव्य सौरभ ]
[
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