Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 08
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ 4.] . [ श्रीमवागमनुभासिन्धुः / अष्टमी विभागः छसी जं च। तं चेव रागरत्तो मूढो अइमुच्छियो पियसि // 18 // इयसीसकवालं पूइयनासं च पूइदेहं च। पूइअछिड्डविछिडं पूइअचम्मेण य पिणद्धं // 1 // अंजणगुणसुविसुद्धं गहाणुब्बट्टणगुणेहिं सुकुमालं। पुप्फुम्मीसियकेसं जणेइ बालस्स तं रागं // 10 // जं सीसपूरउत्तित्र पुष्पाइं भणंति मंदविन्नाणा / पुप्फाई चित्र ताइं सीसस्स पूरयं मुणह // 101 // मेदो वसा य रसिया खेले सिंघाणए य छुमसु एवं (छुभए अ)। यह सीसपूरो मे नियगसरीरम्मि साहीणो // 102 // सा किर दुप्पडिपूरा वचकुडी दुप्पया नवच्छिद्दा / उकडगंधविलित्ता बालजणो यइमुच्छियं गिद्धो // 103 // जं पेम्मरागरत्तो अवयासेऊण गूढ(थ)मुत्तोलिं / दंतमलचिकणंगं सोमघडी. कंजियं पियसि // 104 // दंतमुसलेसु गहणं गयाण मंसे य ससयमीयाणं / वालेसु य चमरीणं चम्मनहे दीवियाणं च // 105 // पूइयकाए य इहं चवणमुहे निचकालवीसत्थो / श्राइवखसु सम्भावं किम्हसि गिद्धो तुम मूढ ! // 106 // दंतावि अकजकरा वालावि विवढमाणबीभच्छा / चम्मपि य बीभच्छ भण किमसि तं गयो रागं ? // 107 // सिंभे पित्ते मुत्ते गृहाम्म वसाइ दंतकुंडीतुं / भणसु. किमत्थं तुझं असुइम्मिपि वडियो रागो ? // 108 // जंघट्ठियासु ऊरू पइट्ठिया तट्ठिया कडीपिट्टी / कडियट्टिवेढियाई अट्ठारस पिट्टिअट्ठीणि // 10 // दो अच्छिट्ठियाई सोलस गीवट्ठिया मुणेयव्वा / पिट्ठीपइट्ठियायो बारस किल पंसुली हुँति // 110 // अट्ठियकढिणे सिरहारुबंधणे मंसचम्मलेवम्मि। विट्ठाकोट्ठागारे को वच्चघरोवमे रागो ? // 111 // जह नाम वच्चकूवो निच्चं भिणिभिणिभिणंत कायकली। किमिएहिं सुलसुलायइ सोएहि य पूइयं वहइ // 112 // उद्धियनयणं खगमुह-विकड्डियं विप्पइन्नबाहुलयं / अंतविकद्वियमालं सीसघडीपागडियघोरं // 113 // भिणिभिणिभिणंतमह विसप्पियं सुलसुलंतमंसोडं। मिसिमिसिमिसंतकिमियं थिविथिविथिवंत-बीभत्थं // 11 //
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