Book Title: Agam 38B Panchkappabhasa Chheysutt 05B
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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पंचकणो - (८४२)
1८४२॥
॥८४३॥
11८४॥
॥८४५॥
॥८४६॥
||८४७॥
||८४८॥
८४९॥
॥८५०॥
(८४२) अचिततं वासि भवेधूलीउग्गंडि पुते निचिट्ठम्मि
अहवा बाउसदोसा पप्फोडिंते धुवंते या (८४३) ठाणं तिविहंभणितं उड्दनिसीयण तुयट्टठाणं च
उड्ढं काउस्सग्गो निसीयण निवेद्वष्टाणंच (arr) होति तुयह निवण्णं पडिलेहपमझियाण कायव्वं
सेञ्जनिसेज्जाणं वा ठाणं अहवावि ठाणं तु (८४५) लट्ठी आतपमाणा विलचिउरंगुलेण परिहीणा
दंडतो बाहुपमाणो विदंडओ कच्छगपमाणो (८४६) दुइपसुसाणसावदविञ्जलविसमेसु उदयम'गेसु
लट्ठी सरीररक्खातवसंजमसाहिगा भणिता (८r७) चम्मे पण्हियखल्लगवद्धादी होज चम्मगहणंतु
अत्युरणपादरक्खा फुडिए तह संधणद्वादी (14) अरिसमगंदलकच्छूछप्पति गिलति अत्युरणगंतु
दुबलपाए चक्खू अद्धाणादीसुतलिया तु (८४९) फुडियविविचणहंगुलिरक्खट्ठा खल्लकोसगा होति
वज्झाऊ संघणट्ठा अद्धाणादीसु छिण्णा य (८५०) रज्जुमयी पोत्तमयी कंबलमयि तह य दंडकडगमयी
पपंचविह चिलिमिणीओ वण्णिता एस पुव्बंतु (८५१) उडुबद्धे रयहरणं वासावासासुपादलेहणिया
बड उंबरे पिर्लिखू तस्स अलंपम्मिचिंचिणिया (८५२) उभओ नहसंठाणा सञ्चित्ताचित्तकारणा मसिणा
सचित्तेगेण फुसे पासेणेगेण उधित्तं (८५३) कण्णाण सोहणं पुण कण्णाण मलेण संचिएणं तु
दुक्खेज जस्स कण्णाण सुणेझ व सो तुगिण्हेज्जा (८५४) पविरलदंतो थेरो सित्यादीणं तुदंतलग्गाणं
लेवाडअरतिसारियरक्खट्ठा गिव्ह सोहणयं (८५५) अद्धाणोमादीसुं पिप्पलतो विकरणव कंदाणं
माणाहिगवत्यादी पगासमुह माण करणट्ठा (८५६) जुण्णाण संघणट्ठा सूई नखखब्बणं तु कंटाणं
उद्धरण नहाण य छेदणहेतुंगहेयव्यं (८५७) उच्चारमत्तगादीअण्णेविय बहुविहप्पगारोतु
ओवग्गाहिओ मणिओ उवणहवा महाणस्स (८५८) सव्योवि एस उवधायदोसपरिवजिओ धरेयय्यो
वीसतिधा उवघातो तस्स इमो होति नायव्यो (८५१) उग्गम उप्पायण एसणाय परिकम्मणा य परिहरणा
अचियत वतीयारे तहेव परियट्टणा विदिया
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