Book Title: Agam 38B Panchkappabhasa Chheysutt 05B
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
गाड़ा- २४३७
www.kobatirth.org
38 10
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(२४३७) अच्छंति संघरे सव्वे बसभी नीई असंथरे जत्य तुल्ला पवे दोवि तत्विमा होति मग्गणा (२४३८) निष्फण्ण तरुण सेहे जुंगियपातच्छिणासकरकण्णा एमेव संजईगं नवरं वुड्ढीसु नाणत्तं
(२४३९) परिवार अनिष्पन्नो अच्छति निष्फण्णतो उ निग्गच्छे अच्छंति वुड्ढ तरुणा य णिति सेहे असेहिले (२४४० ) अच्छंति जुंगिता तु निंतियरे अहव जुंगिता दोवि तत्याइल्ला अच्छे अच्छे समणीण तरुणीओ ( २४४१) समणाण य समणीण य अच्छंती संजईउ नियमेणं बहुपचवाता अनुकंपा तेण समणीणं (२४४२) संथारे भत्तसंतुट्ठा तस्स लाभम्मि अप्पभू जुंगितमादीए वयंति खित्ती न ते जेसिं (२४४३) दुयमादीगच्छाणं खित्ते साहारणम्मि बसियव्वे अप्पत्तियपडिसेहत्यया ए मेरा इमा तत्थ (२४४४) अत्थि बहु यसभयामा कुदेसनगरीवमा सुहविहारा बहुगच्छुवग्गहकरा सीमच्छेदेण वसियन्वं (२४४५) आयरियउवज्झाया दुहिं तिहिं सहिया उ पंचओ गच्छो एव तु गच्छा तिनि उ उदुबद्धे संथरे जत्य (२४४६) वासासुं तिचउजुया आयरियउवज्झ सत्तओ गच्छो एव तु गच्छा तिनि उ वासासुं संथरे जत्थ (२४४७) कालदुयम्मिवि एवं जहग्णयं होइ वासखेतं तु बत्तीसं तु सहस्सा गच्छो उक्कोस उसम्मि (२४४८) बहुगच्छुवग्गहकरा एत्तियमेत्ताण जत्थ संघरणं ऊणा अनुवाहिता सीमच्छेदं अओ वोच्छं (२४४९) तुम तो मह वाहिं तुख्म सचित्तं ममेतरं वादि आगंतुयवत्यव्याधीपुरिसकुलेसु व विसेसो (२४५०) वेगो सकोसजोयण मूलनिबंधे अनुम्मुर्यतेण सचित्ते अचित्ते पीसेऽलविय दिन्नकालम्मि (२४५१) सेसत्ती निस्साहारणंमि मूलक्खेत्त अनुमुयंतेणं होइ सकोसं जोयण दिसविदिसासुं तु सव्वत्तो (२४५२) एवं खेत्तओ एसो कालओ उदुवद्धि होइ मासो उ वासासु चउम्मासो एवतिकालो विदिण्णो उ (२४५३) एवइकाल विदिन्नं पुत्रे निक्कारणम्मि तेण परं न उवग्गहो विदिन्नो मोत्तूणं कारणमिमेहिं (२४५४) असिचादिकारणेहिं दुविहऽ तिरेगेऽवि उग्गहो होइ जा कारणं तु छिन्नं तेण परं उग्गहो न भवे
For Private And Personal Use Only
।। २४३७।।
॥२४३८||
॥२४३९॥
॥२४४० ॥
॥२४४१।।
॥२४४२॥
॥२४४३॥
॥२४४४॥
૨૪૪॥
॥२४४६ ।।
॥२४४७||
॥२४४८||
॥२४४९॥
॥ २४५०॥
॥२४५१॥
॥२४५२॥
२४५३॥
॥। २४५४||
१४५

Page Navigation
1 ... 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164