Book Title: Agam 38B Panchkappabhasa Chheysutt 05B
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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गाइ-१२११
॥१२९१॥
|१२९२॥
॥१२९३॥
॥१२९४॥
॥१२१५॥
॥१२९६||
॥१२९७॥
||१२९८॥
||१२९९॥
(१२९१) अवगतजडा मनिझमसाढू तह देवतंपरिणमंति
कपाकप्पं दंसिय तेसिं बझंच पडिकुटुं (१२९२) पुरिमाण दुविसोझो चरिमाणंदुरनुपालओकपो
मझो विसुद्धचरणो एवं कप्पोऽनुगंतव्वो (१२९३) आयरिए अभिसेगेभिक्खुम्मि गिलाणगम्मि भयणातु
तिक्खुत्तो अडविपवेस चउपरियट्टे तओगहणं (१२९४) असिवे ओमोदरिए रायहुढे पवादिदुद्वे वा
अद्धाणे गेलण्णे आहाकमंतु जयणाए (१२९५) जदि सव्वे गीयत्या ताहे आलोयणोग्गहे भणिता
अह होति मीसगजणो पायच्छित्तं तवोकम्म (१२९६) चतुरो चउत्थमते आयामेगासणे य पुरिमड्ढे
निम्विइयं दायव्वं सतं च पुयोग्गडं कुशा (१२१७) संघस्सोहविभागो समणा समणी च कुलगणस्सेव
कहमिह ठितेन कप्पइ अहितकप्पेजमुहिस्स (१२९८) आयरिए अभिसेगे भिक्खुम्मि गिलाणगम्भि भयणातु
अडविपवेसे असती तियपरियहे ततो गहणं (१२९१) तित्यगरपडिक्कुडो आणा अन्नायउगमोऽविय नसुज्झे
अविमुत्ति अलाघवता दुलभसेजा विउच्छेदो (१३००) दुविहे गेलण्णप्पी निमंतणेदव्वदुलभे असिवे
अवमोदरिय पदोसे पए य गहणं अनुण्णायं .(१५०१) तिक्खुत्तो य सखित्ते चउद्दिसि जोयणमिकडजोगी
दव्यस्स य दुल्लमता सागारियसेवणा दब्वे (१३०२) मुदिते मुद्धमिसित्तेमुदितो जो होति जोणिसिद्धोतु
अमिसित्तो य परेहि सयंवमरहो जहा राया (१३०३) ईसरतलवरमाउंविएहिं सेट्ठीहिं सत्यवाहेहि
_णितेहिं अतिंतेहि य वाधातो होति साधुस्स (१३०४) लोमे एसणघाते संकातेणे परित्तभेदे य
इच्छंतमणिच्छंते चाउम्भासा भवे गुरुगा (१३०५) अण्णेवि हुंति दोसा आइण्णे गुम्म रयण इत्थीए
तन्निस्साएँ पवेसोतिरिक्खमणुया भवे दुट्ठा (१३०६) दुविहे गेलण्णम्मिवि निमंतणा दब्ब दुल्लभे असिवे
ओमोदरिय पओसे भएय गहणं अनुण्णायं (१३०७) पदमं अब्भुट्ठाणं कितिकम्मं अजसेवियमुदारं
कायव्यं कस्स व केण वावि काहे वकइखुत्तो (१५०८) विणओ सासने मूलं विनीओ संजओमवे
विनयाउ विप्पमुक्कस्स को धम्मो कओतथा 13816
॥१३००।
॥१३०१॥
11१३०२॥
॥१३०३||
॥१३०४॥
१३०५॥
॥१३०६॥
॥१३०७॥
॥१३०८॥
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