Book Title: Agam 38B Panchkappabhasa Chheysutt 05B
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 124
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra गाहा - २००७ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (२००७) वत्तण परियहंती सुणेति अत्यं गणो उ बालादी तस्स पहुचति खेतं आहारादीर्ति संधरणं (२००८) काले ततियाएँ वेला वसही जोग्गाओ भिक्ख सुलभंति न विगिट्ठमंतराविय सज्झाओ सुज्झति जहिं च (२००९) सुलभं आयरियाणं जोग्गं जोगीण सुलभ पाउग्गं एते ते नव ठाणा जहिं उस्सग्गेण गहणं तु (२०१०) उत्सर्गेण विहारी संथरमाणाण नवसु खित्तेसु तो सव्वग्धादुवही नवि पेल्ले यावि दगघट्टे (२०११) नवि दूरे गच्छंति नवगस्स असंभवे बितियठाणं घट्टे बहुवि पेल्ले दूरंपि गच्छेखा (२०१२) दुलभम्मि वत्यपाए ऊणहिएसुंपि नवसु गछिजा एमेव विहारेवि हु खेत्ताणऽसती मुणेयब्बी (२०१३) आलंबणे विसुद्धे दुगुणं तिगुणं चउरगुणं बावि खेत्तं कालातीत समगुणातं पकप्पम्मि (२०१४) एस अणुण्णाकप्पो अहुणा अद्धाणकम्प यौच्छामि जेहिं च कारणेहिं अद्धाणं गम्पए इणभो (२०१५) असिवे ओमोयरिए रायहुट्ठे भए व आगाढे देसुट्ठाणे अपरक्कमे व अद्धाणओ पणगं (२०१६) उद्दद्दरे सुभिक्खे अद्धाणपवज्रणं तु दप्पेण दिवसादी चलहुगा चउगुरुगा कालगा होति (२०१७) उग्गमउप्पायणएसणाएँ जे खलु विराहते ठाणे तंनिप्फनं तस्स ऊ पायच्छित्तं तु दायव्यं (२०१८) पुढवी आऊ तेऊ चेय बाऊ वणस्सति तसा य नंतेसु परित्तेसु य जं जहिं आरावोणा भणिया (२०१९) लहुओ गुरुओ लहुगा गुरुगा चत्तारि छच्च लहुया य छगुरुय छेदो मूलं अणवटुप्पो य पारंची (२०२०) असिवे ओमोदरिए रायहुट्ठे भए व आगाढे गीत्या मज्झत्था सत्यस्स गवेसणं कुजा ( २०२१) कालमकाले मोती नाऊण य अहिवर्ति अनुण्णवणा मिच्छुयमिच्छादिट्ठी धम्मकहाए निमित्ते य (२०२२) सत्तुयसमए संखडि पत्यय ने खलु तहेव पोग्गलिए धम्म कहनिमित्तेणं वसा पुण दव्वलिंगेणं (२०२३) सत्ये पंथे तेणे पंचविहो उग्गहो य दव्वाणं सुवग्गामे दव्वग्गहणं जयणाए गीयत्या (२०२४) तुवरे फले य पत्ते गोमहिले सूयरा य हस्थी य आतवमणायवे चिय जयणाए जाणगे गहणं For Private And Personal Use Only ॥२००७॥ ||२००८ ॥ ||२००९॥ ॥२०१०॥ ||२०११॥ ॥२०१२॥ ॥२०१३॥ ॥२०१४ ॥ ॥२०१५॥ ॥२०१६ || ॥२०१७ | |२०१८|| ॥२०१९ ॥ ॥२०२० ॥ ॥२०२१ ॥ ॥२०२२॥ ॥२०२३॥ ॥२०२४ ॥ १२१

Loading...

Page Navigation
1 ... 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164