Book Title: Agam 38B Panchkappabhasa Chheysutt 05B
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 145
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १४२ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २३८३) लोगेण जत्थ समयं ववहारगयं तु तत्य हुज्जाहि तत्य तुमं जंपिज्जसु धम्मकही भण्णइ इयं तु ( २३८४) जहियं धम्मकहाए कर्ज तहियं तुमं भणिज्जासि यादी जत्थ उ वादिग्पओयणं तत्य भासिज्जा (२१८५) खमगो भन्नइ इणमो देवयक जहिं भविज्जाहि असिवादिकारणेहिं तत्य तुमं तं करिशासि ( २३८६) विज्जासिद्धो भण्णइ विजाए जत्य संघकज्जम्मि कर्ज हो करेजसु रायणिओ भण्णइ इमं तु ( २३८७) वेले कितिकम्मस्स उ अनुवहंताण वंदणं अहं कुजाहि तुमं गंतु इह पुण गीयरस विसओ उ ( २३८८) न हु गारवेण सक्का ववहरिडं संघमज्झयारम्मि नासेई अगीयत्यो अप्पाणं चैव गच्छं च ( २३८९) नासेई अगीयत्यो चउरंगं सव्वलोगसारंग नट्टम्मिय चउरंगे न हु सुलभं होइ चउरंगं (२११०) थिरपरिवाडीहिं बहुसुएहिं संविग्गणिस्सियकरेहिं कज्जम्मि मासियच्वं अनुओगे गंधहत्वीहिं ( २३९१) मादी य मुसावादी बितियं ततियं वयं च लोवेति माथी य पावजीवी असुतीलित्ते कणगदंडे (२३९२) आभवते पच्छिते ववहारो समासतो भवे दुविहो दोसु य पणगं पणगं आमव्यंते अहीकारो ( २३९३) सचित्तो अद्वित्तो य मीसओ खेत्तकालनिष्फण्णो पंचविहो बवहारी आभव्वंतो उ नायव्वो ( २३९४ ) सेहम्मि उ सञ्चितो अचित्तो रुवति षत्यवादीओ मीसो समंडगाणं खेत्तम्मि उ गाममादीहिं ( २३९५) नगरादसखित्ते पुण वसहीए तत्य मग्गणा होइ काले उदु वासासु य आभवणा होइ नायव्या ( २३९६) अवहाऽऽ भवंतमण्णो उवसंपयखेत्तकालपव्वज्जा नाऊण संघमज्झे बबहरियव्वं अनिस्साणं (२३९७) सुत सुहदुक्खे खित्ते मग्गे विणए थ पंचहा होइ सव्वावि एयाओ सुयनाणमणुष्पवत्तीओ (३३९८) जत्य उ सुओवसंपद तत्थ उ सव्वा हवंति एयाओ अहवा सुअवदिट्ठा न तु सेच्छाए हवंतेया ( २३९९) गुरुसीसपडिच्छाणं तिण्हवि को कस्स किंचुवकरेइ वेयायगमागम काले चिंतादि दव्ये य (२४००) सीसो आयरियस्स उ वैयावच्चं तु कुणइ जाजीपं जहिं गच्छ तहिं वञ्चति पेसेइ व जत्य तहिं जाइ For Private And Personal Use Only पंचकम्पो ( २३८३) - ॥२३८३ ॥ ||२३८४ ॥ |||२३८५॥ ||२३८६ ॥ ||२३८७॥ ||२३८८|| ।।२३८९॥ ॥२३९०॥ ।।२३९१ ।। ॥२३९२॥ ।।२३९३॥ ★ ॥२३९४ ॥ ॥२३९५॥ ||२३९६ || ॥२३९७॥ ॥२३९८|| ||२३९९|| ॥२४००||

Loading...

Page Navigation
1 ... 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164