Book Title: Agam 38B Panchkappabhasa Chheysutt 05B
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 66
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पाहा- ९६८ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (९६८) जं देवलोगसरिसं खित्तं निप्पच्चवातियं जंच एसो तु खेत्तकप्पो देसा खलु अद्धछव्वीसं (९६९) रायगिह मगह चंपा अंगा तह तामलित्ति बंगा य कंचनपुरं कलिंगा बाराणसि चैव कासी य (९७०) साएय कोसला गतपुरं च कुरु सोरियं कुसट्टा य कंपिल्लं पंचाला अहिछत्ता जंगला चेव (९७१) बारवती य सुरडा मिहिल विदेहा य वच्छ कोसंबी दिपुरं संदिमा पद्दिलपुरमेव वलया य (९७२) वयराड वच्छ वरणा अच्छा तह मत्तियावति दसण्णा सोत्तियमतीय चेती वीतियमयं सिंधुसोयीरा (९७३) महुरा य सूरसेणा पावा मंगी य मास पुरिवा सावत्थी य कुणाला कोडीवरिसं च लाढा य (९७४) सेयवियाऽविय नगरी केततिअद्धं च आरियं भणितं जत्थुष्पत्ति जिणाणं चक्कीणं रामकिण्हाणं (९७५) एतेसु विहरियव्वं खेत्तेसुं साहुभाविसुं तु जन्य गुणा इमे तू खेमाईया मुणेयव्वा (९७६) खेमो सिवो सुभिक्खो अप्पप्पाणो उवस्सयमणुण्णो एसो तु खेत्तकप्पो गामनगरपट्टणाइष्णो (९७७) खेमो डमरविरहितो रोगासिवविरहितो सिवो होति परण्णपाणदेसो होइ सुभिक्खो पुणेयव्वो (९७८) जलुगासंखणगमुइंगपिसुगमसगादिविरहितो जो तु सो होति अप्पपाणी अप्प अभावम्मि थेवे य (९७९) समभूमिरेणुवज्जियरितुक्खमोवस्सया मणुण्णा उ गामा नगरावि य बहु पाउगा मासकम्प (९८०) सज्जनजणो य मद्दो जहियं च मणुण्णसाहुजोणीओ तारिए खेत्तम्मी समण्णाओ विहारो तू (९८१) खेभो य सियो य तहा खेमो सुभिक्खो य एव संजोगा नेव्व छ पदेसु सत्तसु वा आनुपुवीए (९८२) अहवोदयग्गिसावदतक्करवालभययजिओ रम्पो निरवेक्खोऽविय जहियं समणगुणविद् य जत्थ जणो (९८३) एताणि चेव माइयाणि आरीयखेत्तसहियाणि पुव्वभणियाणि जाणि तु ताइं खलु सत्त उ हवंति (९८४) नाणस्स दंसणस्स य चरणस्स य जत्थ नत्थि उवधातो एसो तु खेत्तकष्पो जहियं च अमायणा नत्वि ( ९८५) उदगभयवुज्झणादी जह कोंकणसिंधुतामलित्तादी नत्वि जहिं अग्निभयं निरग्गिसाहम्मियगिहा वा For Private And Personal Use Only ॥९६८॥० ॥९६९॥ ॥ ९७० ॥ ॥९७१ ॥ ॥ ९७२ ॥ ॥९७३ ॥ ॥ ९७४ ॥ ॥९७५॥ ॥९७६ ||★ ॥९७७॥ ||९७८|| १९७९ ॥ ॥९८०॥ ||९८१ ।। ॥९८२॥ ॥९८३॥ ॥९८४॥ 1182411

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