Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 693
________________ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे इज्जाई जोयणसयाई' महेन्द्रध्वजोऽर्द्धतृतीयानि योजनशतानि साद्विशनयोजनानि उय इत्यर्थः, अथ अवशिष्ट भवनवासीन्द्र वक्तव्यताम् अस्यातिदेशेनाह-एवं' इत्यादि एवं असुरिंद वज्जिाणं भवणवासिइंदाणं' एवमसुरेन्द्रवर्जितानां भवनवासीन्द्राणाम् एवं धरणेन्द्रन्यायेन असुरेन्द्राभ्यां चमरवासीन्द्राभ्यां वनितानां भवनवासीन्द्राणाम् भूतानन्दादीनां वक्तव्यता ज्ञातव्या 'णवरं' नवरम् अयं विशेषः 'असुराणं ओघस्सरा घंटा' असुराणाम् असुरकुमाराणाम् ओघस्वरा घण्टा 'णागाणं मेघस्सरा' नागानां नागकुमाराणां मेघस्वरा 'सुबण्णाणं हंसस्सरा' सुवर्णानांगरुडकुमाराणां घण्टा हंसस्वरा घण्टा 'विज्जू णं कोचस्सरा' विद्युतां विद्युत्कुमाराणां क्रौंचस्वरा घण्टा अग्गीणं मंजुस्सरा' अग्नीनाम् अग्निकुमाराणाम् मेघस्वर नामकी घंटा थी पदात्यनीकाधिपति का नाम भद्रसेन था २५ हजार योजन प्रमाण विस्तार वाला इसका यान विमान था इसकी महेन्द्र ध्वजा २५० योजन की ऊंची थी 'एवमसुरिंदवज्जियाणं भवणवासिइंदाणं, गवरं असुराणं ओघस्सरा घण्टा णागाणं मेघस्सरा सुवण्णाणं हंसस्सरा, विज्जूणं कोंचस्सरा, अग्गीणं मंजुस्सरा दिसाणं मंजुघोसा, उदहीणं सुस्सरा, दीवाणं महरस्सरा, वाऊणं णंदिस्सरा, थणियाणं गंदिघोसा, चउसट्ठी खलु छच्च सहस्सा उ असुरवजाणं ! सामाणिआ उ एए चउग्गुणा आयरक्खाउ ॥१॥ इसी तरह से धरणेन्द्र की वक्तव्यता के अनुसार असुरेन्द्रों-चमर और बलीन्द्र को छोडकर भवन वासीन्द्रों के-भूतानन्दादिकों के सम्बन्ध की भी वक्तव्यता जाननी चाहिये। अन्तर केवल इतना ही है कि असुरकुमारों की घंटा ओघस्वरा नामकी नागकुमारों की घंटा मेघस्वरा नाम की है सुपर्ण कुमारों की घंटा हंसस्वरा नामकी है विद्युत्कुमारों की घंटा क्रौश्चस्वरा नामकी है अग्निकुमारों की घंटा मंजुस्वरा नामकी है दिक्कुमारों की घंटा मंजुघोषा नामकी है उदधिઆત્મરક્ષક દેવેથી યુક્ત થઈને આવ્યો. એની મેઘસ્વર નામની ઘંટા હતી. પદાયનીકાધિપતિનું નામ ભદ્રસેન હતું. ૨૫ હજાર યોજન પ્રમાણ વિસ્તારવાળું એનું યાન-વિમાન હતું. આની भडन्द्र 40 २५० योजन सी यी ती. 'एव मसुरिंदवज्जियाणं भवणवासिइंदाणं णवर असुराणं ओघस्सरा घण्टा णागाणं मेघस्सरा सुवण्णाणं हंसस्सरा, विज्जूणं कोंचस्सरा, अग्गीणं मंजुरस्सरा दिसाणं मंजुघोसा, उदहीणं सुस्सरा, दीवाणं महुरस्सरा, वाऊणं णंदिस्सरा, थणियाणं शंदिघोसा, चउसट्ठी खलु छच्च सरस्सा उ असुरवज्जाणं सामाणिआ उ एए चउग्गुणा आयरक्खाउ ॥ १ ॥' मा प्रमाणे ॥ पणेन्द्रनी पतव्यता भुस मसुरेन्द्रोચમર અને બલીન્દ્રોને બાદ કરીને ભવનવાસીન્દ્રોના–ભૂતાનન્દાદિકેના વિશેની વક્તવ્યતા જાણવી જોઈએ. તફાવત ફક્ત આટલો જ છે કે અસુરકુમારની ઘંટા ઓઘસ્વરા નામક છે અને નાગકુમારની ઘંટા મેઘસ્વરા નામક છે. સુપર્ણકુમારની ઘંટા હંસસ્વરા નામક છે. વિકુમારની ઘંટા ક્રૌંચસ્વરા નામક છે. અગ્નિકુમારની ઘંટા મંજુસ્વર નામક છે. જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર

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