Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 792
________________ प्रकाशिका टीका-षष्ठोवक्षस्कारः सू.२ द्वारदशकेन प्रतिपाद्यविषयनिरूपणम् ७७९ ता अपि वर्षधरप्रवाहाः स्युः, एतादृश्यो महानद्यः कियत्यः प्रज्ञप्ताः, तथा-'केवइयाओ कुंड. पवहाओ महाणईओ पन्नत्ताओ' कियत्यः-कियत्संयकाः कुण्डमवाहाः, तत्र कुण्डेभ्यो वर्षधर नितम्बस्य कुण्डेभ्यः प्रवहन्ति-निर्गच्छन्ति यास्ता महानद्यः कियत्यः प्रज्ञप्ताः-कथिता इति प्रश्नः, भगवानाह-'गोयमा' इत्यादि, 'गोयमा' हे गौतम ! 'जंबुद्दीवे दीवे चोदस महाणईओ वासहरप्पवहाओ' जम्बूद्वीपे द्वीपे सर्वद्वीपमध्य जम्बूद्वीपे इत्यर्थः चतुर्दशमहानद्यः चतुर्दश संख्यका महानद्यो वर्षधरहूदप्रवाहाः प्रज्ञप्ता:-कथिताः, तथा-'छावत्तरि महाणईओ कुंडप्पववाओ' षट्सप्ततिः-षट्सप्तति संख्यका महानद्यः कुण्ड प्रवाहाः कुंडेभ्यः प्रवहनशीलाः प्रज्ञप्ता:-कथिताः, तत्र चतुर्दश महानद्यो वर्षधर हृदप्रभवाः भरतगङ्गादिकाः प्रतिक्षेत्रं द्वि द्वि भावात्, तथा-कुण्डप्रभवा पट्सप्तति महानद्यः, तत्र-शीताया उत्तरेष्वष्टसु विजयेषु शीतोदाया याम्येषु अष्टसु विजयेषु चैकैकभावेन षोडशगङ्गाः पोडशसिन्धवश्च तथा शीताया स्वामी ने प्रश्न नहीं किया है किन्तु पद्म, महापद्म आदि जो हूद हैं उनसे जिनका उद्गम हुआ है ऐसी नदियों की संख्या कितनी है यह जानने के लिये यह प्रश्न किया गया है तथा-'केवइयाओ कुंडप्पवाहाओ महाणईओ पत्ताओ' जो वर्षधर के नितम्बस्थ कुण्डों में से निकली हैं ऐसी महानदियां कितनी हैं ? इसके उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे चोद्दस महाणईओ वासहरप्पवाहाओ' हे गौतम ! इस जंबुद्धीप में जो वर्षधर पर्वतस्थ हुदों से महानदियां निकली हैं ऐसी वे महानदियां १४ हैं तथा-'छावत्तरि महाणईओ कुण्डप्पवाहाओ' जो महानदियां कुण्डों से निकली हैं वे ७६ हैं। १४ महानदीयों के नाम गंगा सिन्धु आदि हैं। हरएक क्षेत्र में ये दो दो बहती है भरतक्षेत्र में गंगा सिन्धु ये दो महानदियां बहती हैं तथा कुण्ड प्रभवा जो ७६ महानदियां हैं उनमें शीता महानदी के उत्तर में आठ विजयों में और शीतोदा के याम्य आठ विजयों में एक, एक कुण्डप्रभवा महानदी बहती है इससे १६ गंगा મહાપ, વગેરે જે હૃદ છે તેમનામાંથી જેમનું ઉદ્દામ થયું છે, એવી નદીઓની સંખ્યા टमी छ, से 14 माटे सही म। प्रश्न ४२वामां आवे छे. तमश केवइयाओ कंटप्पवाहाओ महाणई ओ पन्नत्ताओ' २ वषरना नित५२५ माथी नीले छ, मेवी महा. नही मी छ १ सेना नाममा प्रभु ४हे छ-'गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे चोद्दस महाणईओ वासहरप्पवाहाओ' गौतम ! २२ पुदीपभा वध२ ५वस्थ हाथी महानही नीजी छे, मेवात महानही। १४ छ. तमा 'छावतरं महाणईओ कुण्डप्पवाहाओ' २ महा. નદીઓ કુંડામાંથી નીકળી છે તે ૭૬ છે. ૧૪ મહાનદીઓના નામે ગંગા સિંધુ વગેરે છે. દરેક ક્ષેત્રમાં એ મહાનદીઓ બoખે વહે છે. ભરતક્ષેત્રમાં ગંગા અને સિંધુ એ બે મહાનદીઓ વહે છે, તેમજ કુડપ્રભવા જે ૭૬ મહાનદીઓ છે તેમનામાં શીતા મહાનદીના ઉત્તરમાં આઠ વિજયમાં અને શીતદાન યામ્ય આઠ વિજેમાં એક-એક કુડપ્રભવા જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર

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