Book Title: Aapki Safalta Aapke Hath
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 15
________________ मन और संकल्प को मजबूत रखने वाले लोग, महेज अपने अतीत की भाग्यरेखाओं पर विश्वास नहीं करते अपितु अपनी नई भाग्यरेखाओं का निर्माण करना भी जानते हैं । वे अतीत के पुनरावर्तन नहीं वरन् भविष्य का निर्माण करने वाले वर्तमान होते हैं । जिस व्यक्ति के जीवन के अतीत में ऐसा हुआ हो कि उसके मुँह के आगे से माइक हटा लिया गया हो, किन्तु उसने उसी क्षण यह संकल्प कर लिया हो कि वह भविष्य में ऐसा दिन लाएगा, जिस दिन दुनिया उसके सामने माइक रखेगी और लोग उसे सुनने के लिए तत्पर रहेंगे तो वह सफल क्यों नहीं होगा? तब लोग कहेंगे कि 'आप बोलिए; आपके शब्द से दुनिया को रास्ता मिलेगा। आप लिखिए; आपकी हर कलम से दुनिया को नई राह मिलेगी। आपका हर शब्द अपने आप में दुनियाँ की फिज़ा को रोशन करने वाली ऊर्जा होगी।' असफलता किसको नहीं मिला करती? मूल्य इस बात का नहीं है कि आपको सफलता कब, किस उम्र में और किस क्षेत्र में मिली? मूल्य इस बात का है कि वह आपको सफलता कितने अधिक संघर्ष और मेहनत के बाद उपलब्ध हुई? . हर व्यक्ति अपने जीवन को ही ' खण्डप्रस्थ' मान ले और उसे ही 'इन्द्रप्रस्थ' बनाने के लिए संघर्षरत, प्रयत्नशील हो जाए। तुम यह मानकर चलो कि तुम्हें जीवन के नाम पर, परिवार के नाम पर, समाज, जाति या कौम के नाम पर खण्डप्रस्थ ही मिला है। तुम अपने जीवन में पुरुषार्थ के बल पर मील के ऐसे पत्थर स्थापित करो कि स्वयं तुम्हारा जीवन ही 'इन्द्रप्रस्थ' बन जाए और तुम्हारा जीवन सफलतम, उच्चतम और श्रेष्ठतम साबित हो सके। मैं ईश्वर में विश्वास रखता हूँ, मैं भाग्य में भी विश्वास रखता हूँ, लेकिन मैं ऐसे भाग्य पर विश्वास नहीं करता जहाँ व्यक्ति अपनी ओर से पुरुषार्थ ही न करे। मैं पुरुषार्थशील प्रारब्ध में विश्वास रखता हूँ। मैं कर्मयोग करता हूँ। कर्मठता मेरी साधना का ही एक चरण है। याद रखो कि किस्मत उसी का साथ दिया करती है, जो किस्मत का फल पाने के लिए पुरुषार्थ आपकी सफलता आपके हाथ १४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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