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सीधा जवाब आये- 'मजे में हूँ।' तनाव-मुक्ति के लिए यह अच्छा सूत्र है'मैं मजे में हूँ।' बस, इस जवाब को सदा याद रखिए और मस्ती से, फकीरों की इस अलमस्ती से, मुस्कान और आनन्द से भरे रहिए।
कोई गम का वातावरण भी बन जाए, आपकी किसी की मृत्यु भी हो जाए तो भी आंतरिक मुस्कान क्षीण न हो। हमारा अपना ही मित्र हो, प्रियजन हो पर आँसू भी गिरें तो भी मुस्कान के साथ। आँखें गीली हों पर हृदय की मुस्कान कम न हो। आप उसे अपनी मुस्कान की श्रद्धांजलि अर्पित कीजिए। अपनी मुस्कान के चार फूल अर्पित कीजिए कि उसे मुक्ति मिल गई। आँसू ढुलकाने से उसकी आत्मा को भी अशांति पहुँचेगी, किन्तु मुस्कान के फूल चढ़ाने से उसकी आत्मा की भी सद्गति होगी। अगर आप रोएँगे तो संभव है, वह आत्मा पुनः देह में लौटने को आतुर हो जाए या किसी भी बहाने आपके आसपास ही मंडराए। अगर आप मुस्कुराहट के साथ उसे विदा करेंगे तो सबके लिए अच्छा है। 'ठीक है प्रभु, यह काया जो तुझसे मिलने में बाधक थी, वह विसर्जित हो गई।' 'मेरा मित्र तुझमें समा गया, तुझे प्रणाम है।' तुम मित्र को भी प्रणाम करो, दादा गुजर गए हों तो उन्हें भी प्रणाम करो और ईश्वर को भी प्रणाम करो। लेकिन मुस्कान हर हालत में बनी रहनी चाहिए।
तो लोगों से मिलें तब भी मुस्कुराकर मिलें। छोटी-छोटी बातों को लेकर गुस्सा न खाएँ। छोटी-छोटी बातों और गलतियों को नज़र अंदाज करने की आदत डालें, वरना आप फिर-फिर खिन्न और क्रोधित हो उठेंगे। होहल्ला करने की आदत छोड़िए। शांति को मूल्य दीजिए । तौलिया जब फर्श पर है, तो सुर अर्श पर क्यों? हो-हल्ला करने से आपका चेहरा बड़ा भद्दा दिखाई देने लग जाएगा, जबकि उसे सुन्दर रखने के लिए आप न जाने कितनी तरह के क्रीम-पाउडर लगाते हैं। सदाबहार खुश रहना संसार का सबसे अच्छा क्रीम-पाउडर है। 'फील गुड' का आजकल बड़ा प्रचार है। फील गुड अर्थात् हर समय अच्छे मिजाज के मालिक बनो।
तनाव घटाने के लिए कभी-कभी थोड़ा संगीत भी सुनिए, रसप्रधान संगीत सुनिए। जो बातें मैंने पहले कही हैं, वे तो तनाव पैदा ही न हो,
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आपकी सफलता आपके हाथ
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