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यह प्रयोग हमको निश्चित ही तनाव से उबार देता है बशर्ते हम यह प्रयोग थोड़ा धैर्य और ईमानदारी से करें। अगर आपकी कमर में दर्द है तो तीन मिनिट का प्रयोग करें और अपना ध्यान उस ओर ले जाएं। उस भाग की मांसपेशियों को ढीला छोड़ें, शिथिल करें, सहज होने दें। अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा
और ध्यान उस भाग पर केन्द्रित कर दें। अपने स्वयं के प्रयोग से अगर लाभ न हो तब फिर किसी चिकित्सक के पास जाइए और औषधि लीजिए। तीन मिनिट में यह रिलैक्सेशन, शिथिलीकरण और शवासन आपको भला-चंगा कर देगा।
कभी-कभी कोशिश कीजिए कि आप प्रकृति के पास जा सकें। किसी खिले हुए फूल के पास जाइए। उसके सौन्दर्य और उसकी सुवास को महसूस कीजिए। प्यार से उसे सहलाइए। अगर कोई कबूतर गुटरगूं कर रहा है तो उसे उड़ाइए मत । उसके पास जाकर बैठ जाइए। उसकी गुटरगूं सुनिए। आपको बहुत मजा आएगा। कबूतर के जोड़े की गुटरगूं का आनन्द लीजिए। आप देखिए कि उसमें जीवन का आनंद किस प्रकार संचारित है। उनमें भी जीवन का क्या स्वरूप है? उनकी गुटर-गूं का अपने मन की गुटर-गूं से मिलान कीजिए। उसकी मनोदशा तथा समता का अनुभव होते ही आपका मन भी शांत होने लगेगा। आप कभी उड़ते हुए पंछियों को देखें, खिले हुए फूलों को देखें, उगते हुए सूरज को देखें, बादलों को सूरज से अठखेलियाँ करते हुए देखें, आसमान में टिमटिमाते हुए तारों को देखें, चाँद के शीतल प्रकाश में स्वयं को एकरूप कर दें। कुछ भी कर सकते हैं। आप यदि और किसी सरोवर के पास चले गए तो वहाँ उठती-गिरती लहरों को देखें और किलोलें करते हुए पक्षियों का कलरव सुनें।
प्रकृति के सान्निध्य में जीने से व्यक्ति अपने सान्निध्य में आता है और वहीं उसका तनाव मिट जाता है। कभी किसी फूल के पास जाओ तो उसे तोड़ो मत, उसे प्यार से चूम लो। वह कली, वह फूल आपको ऐसी अन्तर्चिकित्सा दे देगी, ऐसा अन्तर्राकून देगी कि फूल की खिलावट आपके अन्तर्मन में बस जाएगी। आपका मन भी फूल की तरह खिल उठेगा।
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आपकी सफलता आपके हाथ
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