Book Title: Aapki Safalta Aapke Hath
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 99
________________ सफलता के हाथों में दीजिए सहानुभूति की रोशनी जीवन की सफलता- सफलता का बुनियादी लक्ष्य है, पर जीवन की सार्थकता- सफलता की कसौटी है। जीवन सफल भी हो और सार्थक भी! सफलता को जब तक सार्थकता की चेतना नहीं दी जाएगी, तब तक सफलता खुदगर्ज़ हो सकती है। जीवन की सार्थकता- एक ऐसी पहल है जो सफलता को स्वार्थ-त्याग और निष्काम कर्मयोग की प्रेरणा देती है। - सफलता को सार्थकता देने वाली जो बातें हैं, उनमें एक है सहानुभूति । सहानुभूति ही वह सद्भावना है जो तुच्छ से तुच्छ को भी प्रेम और सम्मान का पात्र बनाती है। प्रेम देकर प्रेम पाने की और सम्मान देकर सम्मान पाने की कला का नाम ही है सहानुभूति । पाने की आकांक्षा से दी गई सहानुभूति स्वार्थ है, वहीं किसी सरोवर की तरह प्यासे को दी गई सहानुभूति, सहानुभूति की महानता है। सेवा, सम्मान और सहानुभूति- आध्यात्मिक जीवन की सफलता और सार्थकता के तीन चरण हैं। सच तो यह है कि सहानुभति में सेवा भी निहित है और सम्मान भी। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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