Book Title: Aapki Safalta Aapke Hath
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 81
________________ दुकान जाओ कि बाजार जाओ, किसी झील पर टहलने के लिए जाओ या रात में सोने की तैयारी करो, तब भी मुस्कुराते रहिए । मुस्कुराने के लिए बहाना चाहे जो ढूँढ लीजिए। पर मुस्कान को कभी मरने मत दीजिए। चाहे जिएँ, चाहे मरें, पर मुस्कान हर हाल में रहे। कहते हैं एक लड़का हमेशा खुशमिजाज रहता। था भी विनोदी स्वभाव का। एक दिन उसके पापा की कमर में चनक पड़ गई, सो दर्द ज्यादा ही हो रहा था। पापा ने बेटे से कमर दबाने को कहा। पर लड़का इतना हल्का था कि उसके वज़न से पापा का कमर दर्द ठीक न हो पाया। लड़के ने अपनी मम्मी से कहा कि मम्मी तुम पापा की कमर दबा दो। इत्तफाक की बात कि मम्मी उस समय झाड़ लगा रही थी। सो वह पापा की कमर दबाने आ गयी। पापा ने कहा, पाँव से दबाओ, ताकि जोर पूरा लगेगा। __ मम्मी अपने पाँवों से पापा की कमर दबा रही थी। एक हाथ में झाड़ था। बेटे को खुराफ़ात सूझी। उसने कमरे की ओर से फोटो खींच लिया। दो महीने बाद जब पापा-मम्मी की 'मैरीज-एनवर्सरी' आई, तो बेटे ने उन्हें एक पैकेट गिफ्ट दिया और शर्त रखी कि आप इसे अकेले में खोलेंगे। मम्पी पापा दोनों कमरे में गए। पैकेट खोला, तो चौंक पड़े। उसमें एक लेमिनेटेड फोटो था, जिसे देखने पर लग रहा था मानो मम्मी पाँवों से पापा की पिटाई कर रही हो और हाथ में रखे झाड़ से हजामत। मम्मी-पापा को काटो तो खून नहीं। उन्हें बच्चे की शरारत पर गुस्सा भी आया और हँसी भी। मम्मी तो सीधे झाड़ उठा लायी बेटे की पिटाई करने को। वह जैसे ही बेटे के पास आई कि लड़के ने कहा, मम्मी, सावधान! मेरे पास फोटो की दूसरी कॉपी भी है। अगर पिटाई की, तो फोटो सार्वजनिक हो जाएगा। तभी पापा अन्दर से आए और कहने लगे, 'ऐसा 'अप्रेल फूल' जिन्दगी में पहली बार बना।' और यह कहते हुए उन्होंने बेटे को गोद में उठा लिया। सब हँस पड़े। उस घटना की घर में जब भी चर्चा होती है, तो सहज ___ आपकी सफलता आपके हाथ ८० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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