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उत्साह और हौसले का ही फर्क होता है । यह जो मैं आप लोगों से मुखातिब हो रहा हूँ, वह केवल उस टैक्निक की तरफ ध्यान केन्द्रित करने के लिए ही है। मैं सफलता नहीं देता। मैं केवल सफल होने का रास्ता मात्र दिखा रहा हूँ।
एक चिंगारी कहीं से ढूँढ लाओ दोस्तो,
इस दिये में तेल से भीगी हुई बाती तो है। मैं तो केवल चिनगारी दे रहा हूँ। मैं दिया नहीं दे रहा। मैं केवल चिनगारी दे रहा हूँ। एक ऐसी चिनगारी जो आपकी बाती को प्रज्वलित कर दे और जो उसे रोशनी की आत्मा दे दे।
सफलता और असफलता के बीच जो एक प्रतिशत का फर्क रहता है, मैं केवल उस एक प्रतिशत की ही बात कर रहा हूँ। मैं उस एक प्रतिशत वाली कमजोरी हटा देना चाहता हूँ। सौ और निन्यानवे में मात्र एक का ही फर्क हुआ करता है। यदि सौ के पहले से एक हट जाए तो उसके आगे कितने ही शून्य लगा दो, उनका कोई मूल्य नहीं रहता। तुम अगर 'एक' का अंक लगा दो और उसके आगे जितने शून्य बढ़ाते जाओगे, तुम्हारे एक के अंक का वजूद और भी अधिक बढ़ता जाएगा। ___मैं जो बातें कहूँगा, वे जिन्दगी की कामयाबी के लिए छोटी-छोटी सी हैं। अगर व्यक्ति कामयाब होना चाहे तो सूई के छेद से भी स्वर्ग के रास्तों को देखा जा सकता है। छोटी-छोटी गलियों से भी कामयाबी के ऊँचे शिखरों तक पहुँचा जा सकता है। ध्यान रखो, खाली बोरी कभी नहीं खड़ी हो सकती। वह बोरी ही खड़ी रहती है जो भरी हो। वे ही लोग अपने जीवन में कामयाब हो सकते हैं जो अपने जीवन की खाली बोरी में कुछ-न-कुछ भरने के लिए तत्पर हों।
यदि खाली बोरी पड़ी रहेगी तो लोग उसे अपना पायदान बनाकर कुचलेंगे। लेकिन उसे खड़ा करने के लिए उसमें कुछ-न-कुछ तो भरना ही पड़ेगा। सोच लो अगर तुम्हें जीवन में खड़े रहना है तो अपनी बोरी में कुछ ऐसी चीजें भरो जिनसे बोरी खड़ी रह सके। अगर गुब्बारे में हीलियम गैस भर
आपकी सफलता आपके हाथ
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