Book Title: Aapki Safalta Aapke Hath
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 27
________________ विजय दिलाती है। खरगोश, तो सोचता है कि 'मुझे कौन हरा सकता है? मैं तो यूँ ही चुटकी भर में पहुँच सकता हूँ। मेरी चाल कितनी तेज है!' ऐसे ही लोग जीवन में मात खाया करते हैं। जो लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं, निरन्तर लगे रहते हैं वे ही सफल होते हैं। और यह निरन्तरता वाली बात ही व्यक्ति को कामयाबी दिलाती है। तुम जब अपना लक्ष्य बना लो तो केवल लक्ष्य बनाकर मत बैठ जाओ। उस लक्ष्य को पूरा करने की प्लानिंग भी तैयार करो कि मैं इस लक्ष्य को कैसे प्राप्त करूँ? लोग मेहमान को तो पहले बुला लेते हैं और बाद में यह सोचते हैं कि उसके आतिथ्य-सत्कार के लिए क्या-क्या बनाऊँ? अरें, ये सब बातें तो पहले सोचने की होती हैं। पहले तो इन बातों के बारे में निर्णय किया नहीं और अब सोचने बैठे हो । कार्य करने की तकनीक सीखो। अपने मन से यह गरूर निकाल दो कि तुम्हें सब कार्य करना आते हैं। _____ हर व्यक्ति को किसी भी रास्ते पर कदम बढ़ाने से पहले 'होमवर्क' अवश्य कर लेना चाहिए। टेबल का वर्क, डेस्क का वर्क हर व्यक्ति को कर लेना चाहिए। ऐसा कोई मकान बताओ, जिसे बनाने से पहले उसके लिए नक्शा न बनाया गया हो तो बनते-बनते वह घर, घर न बनकर शायद कोई घरौंदा बन जाए। किसी भी मकान को बनाने से पूर्व आर्कीटेक्चर सर्वप्रथम नक्शा बनाता है। यह नक्शा बनाना कार्य-योजना को तैयार करना हुआ। एक सेनापति जब किसी पर आक्रमण करना चाहता है तो सबसे पहले वह व्यूहरचना तैयार करता है। एक वक्ता अगर बोलता है तो उसे बोलने से पहले अपनी मानसिकता तैयार कर लेनी चाहिए। एक लेखक अगर लिखता है तो उसे लिखने से पहले, अपने मानस में, अपने अन्तर्मन में एक स्केच तैयार कर लेना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति ऐसा समझता है कि मुझे इन सब की कोई जरूरत नहीं है तो मैं कहना चाहूँगा कि वह व्यक्ति सफल और सिस्टेमेटिक नहीं हो सकता। अगर वह सफल हो भी गया तो वह भी वांछित ऊँचाइयों का स्पर्श न कर पाएगा। दुनिया का सबसे मशहूर व्यक्ति, विश्व का सर्वोच्च धनपति उसका नाम था एन्ड्रयू कार्नोगी। जो लोग थोड़ी भी आपकी सफलता आपके हाथ २६ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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