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दूसरे व्यक्ति को देते हैं और दूसरे व्यक्ति से भी एक सार्थक विचार ग्रहण करते हैं तो आप दोनों के पास दो-दो अच्छे विचार हो जाते हैं। स्वयं का अच्छा चिन्तन तो आपके पास रहा ही है, किन्तु उसके साथ दूसरे की अच्छी जीवनदृष्टि भी आपके विचारों में शामिल हो गई।
मैं, आप और जीवन की समझ रखने वाले सभी लोग, यदि जीवन में सर्वप्रथम कुछ अपनाएँ तो वह हो मात्र सकारात्मकता। अपने पति या पत्नी, बच्चों या फिर किसी के भी सामने अपनी इतनी बेहतर प्रस्तुति दें कि जो आपसे आखिरी रूप में भी सम्भव हो सकती है। मैं इससे ज्यादा अच्छा नहीं बोल सकता, मैं इससे ज्यादा मधुर नहीं बोल सकता, मैं इससे ज्यादा नहीं झेल सकता और इससे ज्यादा मेरी बेहतरीन प्रस्तुति नहीं हो सकती। आप हर अच्छाई की ऊँचाई को छुएँ, उसकी पराकाष्ठा तक पहुँचें। जीवन में सफलता, शान्ति और सुकून का पहला एवं आखिरी मन्त्र एक ही है और वह है सकारात्मकता और बस सकारात्मकता। एक ही मंत्र : 'पोजिटिवनेस'। अपने दिमाग के हर कोने-कोने में लिख लीजिए : सकारात्मक सोचूँगा, सकारात्मक नजरिया रखूगा, सकारात्मक ही व्यवहार करूँगा। काँटों को नहीं, फूलों को मूल्य दूंगा; आधी गिलास खाली को नहीं, आधी गिलास भरी हुई पर ही ध्यान दूंगा। प्रेम अपनाऊँगा, क्रोध से बचने की जागरूकता रमूंगा। वैर और उग्रता से बनूंगा, शान्ति और सौहार्द को अपनाकर जीवन को उत्सव बनाऊँगा।
__ आपका यह संकल्प बेहतर जीवन की दिशा में उठाया गया सार्थक कदम होगा।
सबके लिए अमृत प्रेम।
बेहतर सोचिये बेहतर जीवन के लिए
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