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पास एक कबूतर भी पहुँचा और उसने झाँका। पानी नीचे था, बहुत नीचे। उसने अपने आपको झुकाने की कोशिश की, पर पानी न पा सका और वह उड़ गया। पानी तो था पर वह पानी से लाभान्वित न हो सका।
चिड़िया भी आई होगी, तोता-मैना भी आए होंगे, पर कोई पानी न पी सका। तभी एक कौआ आया। कौए ने देखा कि घड़े में पानी नीचे है। परिस्थिति विपरीत थी उसके सामने। इसका समाधान कैसे किया जाए? उसने इधर-उधर नजर घुमाई और देखा कि वहाँ कुछ कंकर पड़े हैं। उसने एक-एक कंकर चोंच से पकड़ कर उठाया और घड़े में डालना शुरू कर दिया। कंकर नीचे जाते गए और पानी ऊपर आता गया। पानी इतना ऊपर आ गया कि कौआ आराम से पानी पी सका। उसने पानी पिया, प्यास बुझाई और मुक्त आकाश में उड़ान भर गया। विपरीत परिस्थितियों का सामना कैसे किया जाए, इसके लिए इस कहानी से कौए की चतुराई की प्रेरणा लो। इस कहानी को याद रखो विशेष रूप से तब- जब हकीकत में विपरीत परिस्थितियों से सामना हो तो आप उनका समाधान ढूँढ सकें।
कहते हैं, खाली दिमाग शैतान का घर होता है। साधक व्यक्ति के लिए तो खाली दिमाग अमृत का वरदान है, लेकिन आम इंसान के लिए खाली दिमाग शैतानियत करने की, कोई न कोई खुराफात करने की प्रेरणा जगाता रहता है। वह सोचता है कि ऐसा करके देखू, वैसा करके देखू । तो हम अपने आप को व्यस्त रखें। नहीं तो हाल ऐसा ही होगा जैसा उस फालतू व्यक्ति का हुआ था। उसके पास कोई काम न था। वह बेकार बैठा रहता था। बेकार था तो वह आलसी भी हो गया। वह हर काम कई घंटों में पूरे करता। नहाता तो दो घंटे लगाता, जब ब्रश करता तो घर के बाहर आकर चौकी पर बैठ जाता, लोग आते, उनसे बातें करता और दाँतों को रगड़ता रहता।
__ जैसा कि कल मैंने मोती भाई पटेल की बात बताई। बड़ा गजब का आदमी था वह । उल्टे-सुल्टे दिमाग का प्रतीक। उसके दिमाग में आया कि साँड तो बहुत कद्दावर है, इसके सींग भी बहुत शानदार हैं। एक बार अपना मुस्कान लाएँ, तनाव हटाएँ
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