Book Title: Aapki Safalta Aapke Hath
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 23
________________ के जो एल्बम दिए हैं उन्हें संगीत से प्रेम करने वाले सभी व्यक्ति जानते हैं कि उनके संगीत में कितना अधिक दम है? जब मैं चार वर्ष पूर्व इसी नगर में आया था तो मुझे बहुत ही अच्छी घटना सुनने को मिली। भारत की एक प्रसिद्ध नर्तकी सुधा चन्द्रन जयपुर पहुँची जिसके एक पाँव कट चुका था। उसने 'महावीर विकलांग सेवा समिति' से सम्पर्क कर अपनी यह भावना व्यक्त की कि मुझे ऐसे पाँव उपलब्ध कराए जाएँ जिनसे मैं पुनः नाच सकूँ। जयपुर के डॉक्टरों ने कहा, 'डुप्लीकेट पाँव तो बनाए जा सकते हैं, पर नृत्य करना संभव नहीं है।' पर उसने हार न मानी। उसने नकली पाँव लगाए और वह जी भरकर मेहनत करने लगी। कहते हैं कि जयपुर के ही रवीन्द्र रंगमंच पर उसने फिर से नृत्य कर दिखाया। वस्तुतः प्रत्येक कार्य की सफलता के पीछे हमारी अपनी इच्छा-शक्ति मजबूत होनी चाहिए। मैं उदाहरण देना चाहूँगा, इन्दौर की एक छोटी-सी तेरह वर्ष की कन्या का, जिसका नाम है पलक मुच्छाल। मैं उस बच्ची को सप्रेम साधुवाद देना चाहूँगा। उस बच्ची ने मात्र आठ-नौ वर्ष की उम्र में गाना शुरू किया। वह गीत गाती और गाने के बाद एक अंगोछा लेकर खड़ी हो जाती और कहती कि 'मैंने गीत सुनाया और गीत सुनकर यदि आप प्रसन्न हुए हैं, तो इस झोली में कुछ डालिए।' आप सुनकर आश्चर्य करेंगे कि उस तेरह वर्ष की लड़की ने अब तक सौ से भी ज्यादा बच्चों के हार्ट सर्जरी के ऑप्रेशन आप लोगों के जनसहयोग से करवा दिए। हम इच्छा-शक्ति को जगाएँ, अपने मन को कमजोर और कायर न होने दें, उसे नपुंसक न बनने दें। विश्वास करना है तो अपने आप पर विश्वास करना सीखें। जिंदगी में चाहे जितनी नाकामयाबी मिले तब भी, निन्यानवें द्वार बंद हो जाने पर भी एक द्वार अवश्य खुला रहता है। मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि व्यक्ति का जन्म बाद में होता है जबकि प्रकृति की ओर से जीवन की व्यवस्था पहले से ही होनी शुरू हो जाती है। बच्चे का जन्म बाद में होता है किन्तु माँ का आँचल बच्चे के जन्म के पूर्व ही दूध से भर जाया करता है। २२ आपकी सफलता आपके हाथ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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