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अगर पतझड़ आ जाए तो यह मत समझो कि हरियाली खत्म हो गई। दीपक बुझ जाने से यह मत समझो कि आँगन खत्म हो गया। कुछ खिलौनों के खो जाने से यह न समझें कि बचपन मर गया। अब भी आशा के दीप इतने अधिक बाकी हैं कि लाख-लाख पतझड़ आने पर भी जीवन में सावन को आमंत्रित किया जा सकता है। आखिर कोई भी ऋतु, कोई भी परमाणु बम का विस्फोट देश में अकाल जैसी स्थिति नहीं ला सकता, यदि आदमी के सार्थक प्रयास होते रहें।
__ धरती पर एक अनुपम और अनुकरणीय उदाहरण है। जिस देश पर परमाणु बम गिराए गए वे थे नागाशाकी और हिरोशिमा। वहाँ की माटी, माटी न रही। उस विषैली माटी की कोई गंध पा ले, तो इतने मात्र से अपाहिजता उसके गले लग जाए। लेकिन वहाँ भी लोगों ने इतना प्रयास और पुरुषार्थ किया कि आज वहाँ इतनी हरियाली हो चुकी है कि किसी अन्य देश में क्या होगी? वहाँ गीता का फिर से जन्म हुआ है। वहाँ कृष्ण का संदेश मानवता के द्वारा पुनरुज्जीवित हुआ है।
___ इन्द्रप्रस्थ बनाना आपके हाथ में है। आपके जीवन को ऊँचाई देना, आपके हाथ में है और मेरे जीवन को ऊँचाई देना मेरे हाथ में है। मैं आपके जीवन के गुब्बारे में थोड़ी-सी हिलियम गैस भर रहा हूँ ताकि आप ऊँचाइयों को छूने का सम्बल प्राप्त कर सकें। थोड़ा मेरे पास आइए। मैं आपके जीवन में कुछ ऐसा भरना चाहता हूँ कि आप अपने पाँवों पर खड़े हो सकें तथा समाज के बीच आप अपनी नाक इज्जत के साथ ऊँची रख सकें।
_ जिंदगी में यदि कामयाबी हासिल करनी है, तो हममें से हर व्यक्ति सबसे पहले अपनी ओर से यह प्रयास करे कि वह अपनी इच्छाशक्ति, संकल्पशक्ति और मनोबल को मजबूत बनाए। जिस व्यक्ति की इच्छाशक्ति कमजोर हो गई है वह हार ही जाता है। सीधी सी कहावत है 'मन के जीते जीत है, मन के हारे हार।'
आदमी ने अगर यह सोच लिया कि मैं यह काम नहीं कर सकता तो क्या करें कामयाबी के लिए?
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