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विश्व मलयजी:
पदयात्रा कर चुके आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज की कोशिशों से स्थापित जहाँ भी गए वहाँ सत्कर्म की शिक्षा देने के साथ ही एवं उनके श्रद्धालुओं द्वारा संचालित विभिन्न संस्थाओं द्वारा
वर्ग की सहायता करके उनका जीवन स्तर पांच लाख से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को शिक्षा उठाने की कोशिश उनका पहला उद्देश्य रहा। अपनी इन्हीं चिकित्सा एवं सामाजिक विकास की सुविधाएं उपलब्ध कोशिशों के तहत बीते ३५ सालों में आचार्य चंद्रानन कराने के अलावा ५० लाख से ज्यादा पशुओं के जीवन सागर सूरिश्वर महाराज १० हजार से ज्यादा जरूरतमंद को बचाने की कोशिशें की गई हैं। राजस्थान ही नहीं परिवारों के बच्चों को रोजगार दिलाने का काम कर चुके गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत की गौशालाएं इस बात हैं। कमजोर वर्ग के परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों की की गवाह हैं कि आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज उच्च शिक्षा के लिए हाल ही में शुरू हुआ उनका ने पशु कल्याण के कितने मजबूत काम किए हैं। अभियान अब तक पांच सौ से ज्यादा युवक-युवतीओं राजस्थान के सुमेरपुर में विशाल भगवान महावीर को सहयोग कर चुका है।
चिकित्सालय के आधुनिकीकरण एवं विस्तार का कार्य शिक्षा का क्षेत्र आचार्य चंद्रानन सागर सुरिश्वर आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर महाराज की कोशिशों से महाराज का सबसे प्रिय विषय रहा है। राजस्थान, गजरात. लगातार विकसीत हो रहा है तो कर्नाटक के मैसूर में पांच कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में आचार्य की प्रेरणा एकड़ जमीन पर महावीर दर्शन अस्पताल हाल ही में शुरू से बीस से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाए संचालित हैं। इनमें हुआ है। पोलियो शिबिर, नेत्र चिकित्सा शिबिर एवं दंत से १० संस्थाएं स्कूल, कॉलेज और छात्रावास का एक चिकित्सा शिबिर सहित जरूरतमंद वर्ग के लोगों के लिए साथ संचालन करती हैं। आचार्य चंद्रानन मानते हैं कि हर इलाज मुफ्त में करने की प्रेरणा उन्होंने चेन्नई के शिक्षा के बिना सर्व कल्याण की कोशिशों को नयी दिशा युवाओं को दी तो यह आदेश उन्होंने एक यज्ञ की तरह नहीं पीनामा नहीं दी जा सकती साथ ही विकास की गति को भी तेज
स्वीकारा और सन २०० से यह सेवाकार्य लगातार चल नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि आचार्य चंद्रानन रहा है। चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई, मैसूर, पालीताणा, सागर सूरिश्वर महाराज का विशेष ध्यान सिर्फ शिक्षा की अमदावाद, सुमेरपुर और विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा तरफ है। उनकी कोशिशों से मुंबई में एक अत्याधुनिक
न ट्रस्ट आचार्य के सान्निध्य में संचालित हो रहे हैं। जहाँ
ट्रस्ट आचार कॉलेज और स्कूल का सपना आकार ले रहा है तो लाखों लोगों को हर साल मुफ्त एवं रियायती दरों पर लोनावाला में एक कॉलेज, एक स्कूल और एक चिकित्सा सुविधाएँ हासिल हैं। युवा वर्ग में आचार्य छात्रावास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चकी है। चंद्रानन सबसे ज्यदा लोकप्रिय संतों में शिखर पर हैं और आचार्य चंद्रानन अगर आज के संतों में सबसे क्रांतिकारी शिखर की मजबूरी यह है कि कोई एक ही रह सकता संत के रूप में विख्यात हैं तो इसकी एकमात्र वजह यही है। आचार्य चंद्रानन उस शिखर पर बिराजमान हैं तो है कि वे जीवन में धर्म और तपस्या कोजितना महत्त्व देते उसकी पीछे उनकी युवाओं में लोकप्रियता. शिक्षा के प्रति हैं, शिक्षा को भी उसी की बराबरी में मानते हैं क्योंकि समर्पण और धर्म की धारा को आगे बढ़ाने की कोशिशों उनकी राय में-'शिक्षा एकमात्र साधन है जिसके जरिए का कमाल ही असली कारण माना जा सकता है। धर्म के मर्म और जीवन के धर्म को आसानी से समझा सौन्य : ५.सा.श्री पिताश्री म.सा. तथा ५.सा. या३खताश्री जा सकता है।'
મિ. સા. (બેન મહારાજ)ની પ્રેરણાથી શ્રી શેઠ વાડીલાલ સારાભાઈ
દેરાસરજી ટ્રસ્ટ (શ્રી ચંદ્રપ્રભસ્વામી છે. જૈન દેરાસર), ૧૮૬ રાજા बीते दस वर्षों का हिसाब लागाया जाए तो आचार्य राममोडमराय रोड, प्रार्थना सभा, मुंबई ४0000४ २३थी
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