Book Title: Paniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 03
Author(s): Sudarshanacharya
Publisher: Bramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
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पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् (२) मनायी। मनु+डी । मनै+ई। मनायी+सु। मनायी। ____ यहां 'मनु' शब्द से स्त्रीलिङ्ग में इस सूत्र से 'डीप्' प्रत्यय और 'मनु' शब्द के उकार को उदात्त ऐकार आदेश है। उणादि (१।१०) से व्युत्पन्न 'मनु' शब्द आधुदात्त है किन्तु यहां ऐकार आदेश के उदात्त करने से वह अन्तोदात्त हो जाता है-मनायी।
(३) मनुः । यहां विकल्प पक्ष में मनु शब्द से कोई स्त्री प्रत्यय नहीं है। डीप्-विकल्प:
(३५) वर्णादनुदात्तात् तोपधात् तो नः ।३६ ।
प०वि०-वर्णात् ५।१ अनुदात्तात् ५।१ तोपधात् ५।१ त: ६।१ न: ११।
स०-त उपधायां यस्य तत् तोपधम्, तस्मात्-तोपधात् (बहुव्रीहि:)। अनु०-डीप्, वा इति चानुवर्तते । अन्वय:-वर्णाद् अनुदात्तात् तोपधात् स्त्रियां वा ङीप् तो नः ।
अर्थ:-वर्णवाचिनोऽनुदात्तान्तात् तकारोपधात् प्रातिपदिकात् स्त्रियां विकल्पेन डीप् प्रत्ययो भवति, तस्य च तकारस्य स्थाने नकारादेशो भवति।
उदा०-एनी, एता। श्येनी, श्येता। हरिणी, हरिता।
आर्यभाषा: अर्थ-(वर्णात्) वर्णवाची (अनुदात्तात्) अनुदात्तान्त (तोपधात्) तकार उपधावाले प्रातिपदिक से (स्त्रियाम्) स्त्रीलिङ्ग में (वा) विकल्प से (डीप्) डीप प्रत्यय होता है और उसके (त:) तकार के स्थान में (न:) नकार आदेश होता है।
उदा०-एनी, एता चटका । रंगबिरंगी चिड़िया। श्येनी, श्येता गौः । सफेद गाय । हरिणी, हरिता सारिका । हरे रंग की सारिका (मैना)।
सिद्धि-(१) एनी। एत+डी । एन्+ई। एनी+सु । एनी।
यहां वर्णवाची एत' शब्द से स्त्रीलिङ्ग में इस सूत्र से 'डीप् प्रत्यय और तकार के स्थान में नकार आदेश है। ऐसे ही-श्येनी, हरिणी।
(२) एता । यहां विकल्प पक्ष में एत' शब्द से 'अजाद्यतष्टाप्' (४।१।४) से 'टाप्' प्रत्यय है। ऐसे ही श्येता, हरिता।
इति डीप्प्रत्ययप्रकरणम्।
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