Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 506
________________ ५९४८. राजहंस / कमललाभ उ०, सुमति जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. ३', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ५९४९. राजहर्ष / ललितकीर्ति उ०, जिनकुशलसूरि १०८ स्तूप नाम गर्भित स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि-वंदीजइ सद्गुरु... गा. २९', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १७० ५९५०. राजहर्ष / ललितकीर्ति उ०, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, 'आदि ___ श्री जिनदत्तसूरि... गा. ९', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ८८ ५९५१. राजिंद, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि-देरावर थारो... गा.६', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३२२ ५९५२. राजेस, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि-जय गणनायक... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३२३ ५९५३. राधा शाह, जिनशिवचन्द्रसूरि रास पिप्पलक, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७९५ राजनगर, ___ 'आदि-शासन नायक समरिये... गा. १०५', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. ३२१ ५९५४. रामचन्द्रगणि / पद्मरङ्ग वाचक, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्री जिनकुशलसूरीसर... गा.८', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३२३, ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३१२२५ (२६२) ५९५५. रामचन्द्रगणि / पद्मरङ्ग वाचक, दशपच्चक्खाण स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७२१, 'आदि-सिद्धारथ नन्दन नमूं..., अन्त–पचखांण दसविध फल', मु. जैन रत्नसार ५९५६. रामचन्द्रगणि / पद्मरङ्ग वाचक, बीकानेर आदिजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, __१७३०, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ५९५७. रामचन्द्रगणि / पद्मरङ्ग वाचक, सम्मेतशिखर स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७५०, ___ 'गा. १९', अ., ह. तपागच्छीय ज्ञान भं., जैसलमेर ५९५८. रामचन्द्रगणि / शिवचन्द्र उ०, अभयदेवसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, अ. ५९५९. रामचन्द्रगणि / शिवचन्द्र उ०, आबू स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९१५, अ., ह. वृद्धिचन्द संग्रह, जैसलमेर ५९६०. रामचन्द्रगणि / शिवचन्द्र उ०, गिरनार स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९१५, अ., ह. वृद्धिचन्द संग्रह, जैसलमेर ५९६१. रामचन्द्रगणि / शिवचन्द्र उ०, तारङ्गा स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९१५, अ., ह. वृद्धिचन्द संग्रह, जैसलमेर ५६६२. रामचन्द्रगणि / शिवचन्द्र उ०, तेरह काठिया सज्झाय, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९१० ग्वालियर, अ. ५९६३. रामचन्द्रगणि / शिवचन्द्र उ०, धुलेवा स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९१६, अ., ह. वृद्धिचन्द संग्रह, जैसलमेर 436 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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