Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 608
________________ ७४३३. डॉ० लॉरेन्स ऐलन बैब / लॉरेन्स ऐशले बैब, ऐबसेन्ट लॉर्ड, लेखन, अंग्रेजी, १९९६, ___युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया प्रेस, लॉस एंजेलेस, अमेरिका । ७४३४. वसन्तीलाल मुकीम / शिवशङ्कर मुकीम, फ्राम द पेज ऑफ हिस्ट्री, लेखन, इतिहास, अंग्रेजी, सन् १९९२, मु. बसन्तलाल मुकीम, जयपुर ७४३५. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., उपधान तप स्मृति ग्रन्थ, स्मृति ग्रन्थ, हिन्दी, सन् वि. सं. २०४५, मु. श्री हेमप्रभाश्रीजी चातुर्मास आयोजन समिति, बीकानेर ७४३६. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., कुशल गुरुदेव, चरित्र, हिन्दी, २००२, मु., जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट, माण्डवला ७४३७. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., गणिपद स्मारिका, स्मारिका, हिन्दी, सन् १९८८, मु. प्रमोद स्मृति प्रकाशन संस्थान, सांचोर । ७४३८. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., गुरुदेव, चरित्र, हिन्दी, १९९७, मु., पारस प्रकाशन, दिल्ली ७४३९. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., परिचय पुस्तिका-प्रमोद स्मृति स्मारिका, स्मारिका-साधु साध्वी परिचय, हिन्दी, सन् १९८५, मु. प्रमोद स्मृति प्रकाशन संस्थान, सांचोर ७४४०. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., प्रीत की रीत, गीत-विवेचन, हिन्दी, १९९८, मु., जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट, माण्डवला ७४४१. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., षट्स्थानक प्रकरण सटीक, सम्पादन, प्रकरण, प्राकृत-संस्कृत? ७४४२. (डॉ०) विद्युत्प्रभाश्री साध्वी / प्रमोदश्री प्र., स्वप्नद्रष्टा, चरित्र, हिन्दी, २१वीं, मु., पारस प्रकाशन, दिल्ली ७४४३. विनयसागर महोपाध्याय / जिनमणिसागरसूरि, अरजिनस्तव सटीक (सहस्रदल कमल गर्भित चित्रकाव्य), चित्रकाव्य, सम्पादन, संस्कृत-हिन्दी, १९५३, मु., सुमति सदन, कोटा ७४४४. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, उपमिति-भव प्रपंच कथा, कथा, अनुवाद एवं सम्पादन, काव्य, हिन्दी, १९८५, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४४५. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, ऋषिभाषित सूत्र, आगम, अनुवाद एवं सम्पादन, __ आगम, प्राकृत-हिन्दी, १९८८, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर . ७४४६. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, कल्पसूत्र सचित्र सानुवाद, अनुवाद एवं सम्पादन, आगम, हिन्दी, १९७७, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४४७. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, कुलपाक तीर्थ-माणिक्यदेव ऋषभदेव, लेखन, इतिहास, हिन्दी, १९९१, मु., श्वेताम्बर जैन तीर्थ, कुलपाक ७४४८. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, खण्डप्रशस्तिः टीका द्वय सहित, काव्य, संस्कृत, १९७५, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर 538 Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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