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७४०९. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, ध्यानयोग : विधि और वचन, मु., ७४१०. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, ध्यान योग : विधि और वचन, मु.,
पुस्तक महल, दरियागंज, नई दिल्ली ७४११. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, नव जीवन ७४१२. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, पंच संदेश ७४१३. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, प्रभुता का मार्ग ७४१४. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, प्रश्नोत्तर संग्रह ७४१५. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, प्रेम के वश में हैं भगवान ७२१६. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, प्रेरणा ७४१७. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, बूझो नाम हमारा ७४१८. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, भगवान पार्श्वनाथ एलबम्ब ७४१९. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, भजन यात्रा ७४२०. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, मन में मन के पार ७४२१. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, महक तुम्हारी ज्योति हमारी ७४२२. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, महागुहा की चेतना ७४२३. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, महान जैन संग्रह, प्राकृत-संस्कृत ७४२४. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, लोकप्रिय भजन ७४२५. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, वर्ल्ड रिनाउण्ड जैन पिलग्रिमेजेज रिवरेंस
एण्ड आर्ट, लेखन, अंग्रेजी, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४२६. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, वही कहता हूँ ७४२७. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ ७४२८. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, विश्व संस्कृत सुक्ति कोश ७४२९. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, श्रीचन्द्रप्रभ की श्रेष्ठ कहानियाँ ७४३०. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, सत्य की ओर ७४३१. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, सत्य सौन्दर्य और हम ७४३२.. ललितप्रभसागर महो० / जिनकान्तिसागरसूरि, सूयगड सुत्तं, अनुवाद, आगम, प्राकृत
हिन्दी, सन् १९९०, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर नोट:- ललितप्रभसागर महोपाध्याय की समस्त पुस्तकों का लेखन हिन्दी भाषा में हुआ है और जितयशा
फाउण्डेशन, कलकत्ता से प्रकाशित हैं।
खरतरगच्छ साहित्य कोश
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