Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 649
________________ ३८८०. करूं ध्यान जिणेसर पासनउं... ६३०६. करो कुशल गुरुदेव ... ६४८९. कर्म तणी कही निर्जरा ..... ४०३९. कर्मवसइ मैं सेविया ... ४१८०. कलिकाल गौतम सारिखो... ७०४५. कलियुग खोहउ कवियण कर..... ६२८८. कल्याण मेरुठ..... ६४४४. कहउ किम तिण घरि हुयइ... ६८२९. कहउ सखि कउण कही जह... ४२७८. कहा अज्ञानी जीउ कुं गुरुज्ञान..... ४३६०. कहा कोड होर करउ काहू को .... ४७११. कहिजो संदसो नेम नै... ४८९५. कहिज्यो कवियण एक हियालडी रे.... ६८८८. कहिज्यो पंडित एह हीयाली .... ४४२४. कहु तन धन की .... ३३५२. कहे गुलाब सुन.... ५४८१. कहै एम तक्षशिला धणी.... ५४८३. कहै सुनंदा बांह पसारि आवी रे.... ३२५५. कहो री सखि कैसे खेले होरी..... ३६८८. कह्या च्यारि कषाय ए... ४७०० कांई रीसाणा हो नेम नगीना.... ४८७१. कांई रीसाणा हो नेम नगीना..... ६७४२. कागद थोड़ी हेत घणठ... ४७२३. काम अंध गजराज अगाज महाबली... ५७०९. कामिण नयन... ४४२३. कामिणी नयन तीखे.... ५२४९. कामित संपय करणं... ६४९०. कामिनी का कहि कुण विसासा... ४५४७. कामिनी काम विकार... ७११३. कायम जस कीधाह लाहो लीधो लोक में.... ४६७८. काया कामिणी वीनवेजी .... ४०२२. काया नगरी कोट सबल तिहां... ५२८४. काया माया कारिमी.... ४६४१. काया सलूणी वीरवे ..... ४८४०. काहु सुं प्रीति न कीज .... ५४२२. कितने ही तार... ३५९६. किन देखावे शिवगामी हमारा स्वामी... खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International 4 ६७७१. किसी के सब दिन सरिखे न होई.... ४५५४. किहां किहना मिल मिलने महिमा करे..... ४९६४. की करां मैं रैंन विहानी.... ६७९३. कीजइ ओच्छव संता सुगुरु केरउ.... ६१२३. कीजिए कुशल संपत्ति... ४३७४, कीजै छै कर जोड़ने.... ३२४५. कीनी मै सुखकारी सखी मेरी..... ३८३६. कीर्त्तिरतनसूरींदा वंदे... ६०९५. कीर्त्तिरत्नसूरि दिये.... ६२७०. कीर्त्तिरत्नसूरि वंदीसर..... ६६७८. कुण परमेश्वर स्वरूप कहइ री... ५८८३. कुशल अङ्ग उछरङ्ग कुशल.... ३४९७. कुशल करण अब कुशल.... ४८९७. कुशल करण गुरु.... ५२०४. कुशल करण जिनकुशलजी... ४८९८. कुशल करण मेरे..... ४५८३. कुशल करना कुशल..... ६२९०. कुशल कारक कुशल.... ६४०७. कुशल कुशल दातार..... ५२०५. कुशल करो जिनकुशलजी.... ४०४२. कुशल करो दादा.... ५४७२. कुशल करो दादा.... ३०९३. कुशल करो रे महाराज... ४२७९. कुशलगुरु अब मोहि दरसण दीज .... ५८३८. कुशल गुरु अर्ज.... ४१३५. कुशल गुरु की.... ३७९३. कुशल गुरु कुशल.... ५६३१. कुशल गुरु कुशल करण.... ४०९८. कुशल गुरु कुशल करो..... ५१५४. कुशल गुरु कुशल करो.... ३३२०. कुशलगुरु कुशल करो भरपूर..... ३८९९. कुशल गुरु क्यों न देते.... ५०६०. कुशल गुरु गुण.... ३०८६. कुशल गुरुजी अरज.... ६२७७. कुशलगुरु जैन शासन के सितारे.... ६१९२. कुशल गुरु गुण गाओ.... ४१६७. कुशल गुरु तुम..... For Personal & Private Use Only ५७९ www.jainelibrary.org

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