Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 654
________________ ५६८४. छिन छिन तोहि काल... . ३७७५. छेक जनावन भवमरथन धन... ४२९३. छोड़ि चल्यउ नलराइ... ४२२६. छोड़ि हो पीउ छोड़ि चलौ बनवास... ५२००. छोड़ो ना जी कंचन नै कामिनी... ३३०९. छोटी सी ज्यानं जरा सै जिनवर... ५४१६. जउ तुम्हे तास्यउ काम नइ... ६७७५. जंबूदीप सोहाम[... ३९२७. जंबुद्वीप सोहामणो रे लाल... ५४६१. जंबूदीपे दक्षिण भरते... ४१६३. जग आदीसर सेवीयइ... ५५५६. जगगुरु ऋषभ.... ६८५९. जग गुरु तारि परम दयाल... ४४४८. जगगुरु श्री महावीर जी... ३५६१. जागुरु श्री गौडीपुर मण्डण... ३९९०. जगगुरु श्री शंखेश्वर मण्डन पास जिणंदा हो... ३६१७. जगगुरु सांचौ स्वामी सुपास... ३४७२. जगचन्द्र अरिहंत... ३७३९. जगतगुरु बूंदीपुरी प्रभु जागइ... ६१४९. जगतपति नेमि जिनराया... ६१५७. जगतपति पास जिनराया... . ३५९७. जगतपति वीर जिनजी के... ४६७४. जगत प्रभु जगतन कउ उपगारी... ३२७९. जगत मे को केहनो नहीं जी... ५१३९. जगत में सदा सुखी मुनिराज... ७०२१. जगत् में सद्गुरु... ३५४७. जगपति नेमि जिणंद प्रभु म्हारा... ३१५०. जगदानंद जयो री चिंतामणि... ६०५५. जगदीश जयौ श्री पास जिणंद... ५६९५. जगनाथ सुन्दर अतिभला... ३८६७. जगनायक के आज.... ३१५१. जगनायक चिंतामणि जिणंद... ५३३८. जग पसरत अनंत कंत... ३७५९. जगमइ भरोसउ किसकउ करइ... ६२०२. जगमग ज्योति जग में... ५९७४. जगमोहन... ५१८९. जगि मांगै पास गौडी... ३२४७. जदवा कर कर सांवरै रे.... ७०९८. जन जन मुख से... ५१९२. जननायक जिनवर... ५७५०. जन्मोत्सव गिरिवर धीर... ४२८०. जपउ कुशल गुरु... ६६७३. जपउ पंच परमेष्ठि परभाति जाप... ६१४२. जपत मन मेरो श्री जिनदत्तसूरि.... ३१०६. जप मेरी जिह्वा जिनजी को नाम.... ४४७१. जप रे जीव जाप जाप... ४६५८. जप रे तुं चौवीसे जिनराया... ४७९४. जपि जीहा सरसति सुर राणी... ६१०७. जपि रे जीऊ तूं जपि नवकार... ४३५५. जब कहइ तुझ वनवास रे.... ४३१९. जब जाण्यउ पीउ पाहुणउ... . . ७०९९. जब तुम ही चले... ४७०१. जब म्हारो साहिब तोरण आयौ... ३२२५. जबहु ते जिणंद चंद इंद मिल आते थे... ६०२६. जयंति मनाओ... ३९४२. जयकरि जिनराज पुरसादाणि रे... ३५६०. जयकारी जिनराय पुरसादांणी रे....' ५९५२. जय गणनायक... ३७७१. जयउ जयउ जिवरु रे... ३३९३. जय जय आरती... ७०८५. जय जय आरती... ३५१४. जय जय ऋषभ जिणेसरू... ४५९७. जय जय गुरु... ३३४३. जय जय गुरुदेवा... ४५८१. जय जय गुरुदेवा... ४१३९. जय जय गौडीजी महाराज... ३१५३. जय जय चिंतामणि जगनायक... ३१५४. जय जय चिंतामणि जगदीसर... ३१५२. जय चिंतामणि जगपति... . ६३२१. जय जय जय जय जय जिनराज... ३१५५. जय जय जय जय पास जिणंद... ५१९४. जय जय जिण पास जगत्र धणी.. ३९९३. जय जय जिण सुसन्नयण... ४०२४. जय जय जिणवर... ५८४ तृतीय परिशिष्ट www.jainelibrary.org Jain Education International For Personal & Private Use Only

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