Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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४२४४. परतखि पास अमीझरइ... ६३७९. परता पूरण प्रणमियइ... ६९३४. परतिख परचा पूरवे... ६७०७. परतिख पारसनाथ तू गउडी... ३६८१. परतिख पास जुहारीयइ... ६६६४. परतिख प्रभु मोरी वंदना... ४३१०. परदेसी मीत न करीयइ री... ३७७०. परभातइ ऊठी करी रे... ५१०८. परम अध्यातम जे लखे... ४०२८. परम आणंद प्रभु... ४३१७. परम आणंद माकंद तरु फलियओ... ५७३५. परम आनन्दकारी... ४५९२. परम गुरु सेवा पाई... ४९२९. परम ज्योति परमातमा ४७८९. परम तीरथ पंचासरउ... ३२८५. परमदेव परमात्मा.... ३१०७. परम निरंजन पर उपगारी... ४८९६. परम परवीत अणजीत निर्मल... ४७४३. परम पुरुष प्रभु पूजीयइ रे लो... ५०१६. परम पुरुष सुं प्रीतड़ी..... ३४८०. परम प्रमोद करि सारदा कुं... ६७७०. परमरमणीयगुणरयणगणसायरं... ५६१८. परम संवेगी परगडौ... ४४५७. परम संवेगी परगडो रे... ४७४४. परम सनेही पास... ३५२१. परमातम पद भजरे मेरे जीउरा... ५७१४. परमेसर जगी परगड़उ... ३६६६. परव दिशि सुप्रमाणं... ३९५३. पर्व पजुषण आविया रे... ३९५२. पर्व पजुषण आव्या... ३९५५. पर्व पजुषण पुण्ये पामिया रे... ६३७५. पहि उठी प्रणमुं दशे... ३६९०. पहिलउ मंगल मनि धरौ रे... ५८१७. पहिरी पोसाखां सखियां पांगुरी रे... ४२२९. पहिरै पाटू लूगड़ा... ४६५५. पहिलउ प्रणमुं आदि जिणंद... ६९३३. पहिलं प्रणमुं आदि...
४६५६. पहिलो आदि जिणंद... ४६६५. पहिलो आदि जिणंद... ३४९१. पहिलो प्रणमुं प्रथम जिण... ५९००. पहिलो मंगल जाणीयइजी... ५२६२. पहिलो वधावै जिनवर देव जु... ४६९७. पाइ परुं वीनती करुं... ५५२७. पाउं पाउं हो... ४५०८. पाऊं पाऊ हो तो मुगति पुरी... : ६८४७. पांच भरतारी नारी द्रूपदी रे...' ३७२८. पांचे इन्द्रिय वसे करउ जी... ४११५. पाटण नगरी प्रधान... . . ४७९०. पाटण पास पंचासरउ.... ६७१४. पाटण मंइ परसिद्ध घणी... ६७१५. पाटण मांहि नारङ्गपुरउ री..... ६५३४. पाणी पाणी रे... ६५२८. पाणी पाणी नदी रे नदी... ६४३८. पाप अठारह जीव परिहरउ... ६९७३. पामीजै परमत्थ अत्थ पिण... ५९२९. पाय प्रणमुरे महावीर सासन धणी... . ६५०७. पाय प्रणमूं रे पदपंकज प्रभु पासना... ३२८३. पाया पाया पाया बे सुगुण भवि... ५४२७. पाया पाया हो... ४६८७. पारंभ करी परमेसरी... ५०६३. पार उतार पार... ६६८१. पारकी होड तंम कर रे प्राणिया... ६७१६. पारसनाथ कृपा पर... ३४८१. पारसनाथ प्रगट परमेसर... ३५७०. पारसप्रभुजी का दरसण करिलै... ३५७१. पारस प्रभु साहिब मेरे... ३११२. पार्श्व जिणंद जुहारीयै... ५७०३. पार्श्वनाथ जसु नामइ... ६७००. पार्श्वनाथ परतिख अंतरीख... ३११३. पार्श्वनाथ पियारे हो... ५६९६. पार्श्वनाथ प्रभु... ३७३२. पालीपुरी प्रभु पासजी... ४७१९. पावस विरहिणी न सुहाइ... ५९०५. पावसि नाथन ज्युं गुरु गाजइ बे...
५९४ Jain Education International
तृतीय परिशिष्ट
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