Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
View full book text
________________
५०३७. सम विसमी अण जाणता रे... ६७८०. समवसरण बइठा भगवंत... ४५१५. समवसरण बैठा जिनराज... ४५३७. समवसरण बैठे... ३६२८. सम्मेतशिखर जी को दरिसण करि कै... ५०३०. सम्मेतशिखर सोहामणो... ३६०९. सम्मेतशिखर सुहामणो रे जोज्यो... ५३९२. सयल जगजीव सहकार परमेसरं... ६३५७. सयल जंतु सुखकारिणी... ६००९. सयल जिनराय ना पाय प्रणमी करी... ४८३४. सयल जिणेसर पाय नमी... ३८७३. सयल जिणेसर प्रणमुं पाय... ४०१५. सयल जिनेसर पय नमि... ३८८८. सयल सुकोमल सुंदर... ५२८८. सरब पूरब सुकृत तीये किया... ५२०२. सबर सोभ गुण सकल... . ७१३४. सरर-रर-रर... ४८६९. सरवर जल तरु छांहडी... ७०५२. सरवर सरवर जल हुवइ रे... ४८७९. सरसत माता वीनQ गणपति लागू पाय... ३४००. सरसति करि सुपसाउ हो... ७१०५. सरसति चरण नमी करी.... ५९३३. सरसति मति अति निरमली... ५४३१. सरसति मति दिउ अम्ह अति घणी... . ५१५६. सरसति माता महिर कर... ३४४९. सरसति सरस वयण दे देवि... ४४३३. सरसति सांमण वीनवु रे... ६६२४. सरसति सामण वीन... ५८४८. सरसति सामणी समरियै... ३४८६. सरसति सामणी आप सुराणी... ५८७५. सरसति सामिणि गजगति गामिनि... ४६०६. सरसति सामिणि पाय नमुं रे... ३४१७. सरसति सामिणी वीनq... ४७१४. सरसति सामिणी वीनQ... ५३१९. सरसति सांमिणि वीन.. ६१३२. सरसति सामिणि वीनवु रे... ६३९१. सरसति सामिणी वीनवू.
६४०२. सरसति सामिणि वीनq.... ६५९४. सरसति सामिणि वीनवू... ५४५४. सरसति सामिणि समरियइ... ४९३५. सरसति सामिणि समरूं माय... ५५०८. सरसति सामिने पाय नमी... . ५६७९. सरसति सामिय... . . ५१५५. सरसती माता जग विख्याता... ७११४. सरद ससी सम सुहगुरु सोहइ... ५२३४. सरस वखाण सुगुरु तणो... ५८९४. सरस वचन... ७१४१. सरस वचन... ५१७९. सरस वचन दे सरसती.... ७०७५. सरस वचन मुझ आपिज्यो... ७०९३. सरस वचन सरसति... ६८९१. सरस सबुध दिये सारदा... ३८५४. सरसमेव एक अतिसुन्दर... ४२१७. सरिखा सोल कषाय... ४१९८. सहज सनेही सुणि मोरी वीनती... ५६५६. सहसावन माहि... ३२४३. सहसावन सरस मची होरी... ५१३५. सहस्रकृट जिन प्रतिमा वंदीये... ४३८७. सहस्रफणा प्रभु पासजी... ३५८२. सहस्रफणा प्रभु पासजी रे... ६२३२. सहाई मेरे श्रीजिन... ३९७३. सहियर वीर प्रभु नो जन्मोत्सव... ५२६०. सहियर हे सहियर... ३६१०. सहियां आपे अइये... ४४३०. सहियाँ मोरी पास जिणंद जुहार... ५६१७. सहियां मोरी बड़ भागी... ४४४२. सहियां मोरी वामानन्दन... ३२६६. सहियां सांवण आयो सखी मोरी... ४७६८. सहीयर टोली भांभर भोली... ४१८७. सहीयर रंग वधावणा... ६३०५. सहीयां चालो गुरु वंदिवा... ५१७४. सहीयां सेनुंज गिरिवर भेटीयइ रे... ६३४८. सहु आगम मै सोभतौ रे... ५०५४. सहुं देवां सिर सोहतो रे...
६१४ Jain Education International
तृतीय परिशिष्ट
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692