Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 675
________________ ५८४३. लीजे लीजे अरजी.... ४२८२. लीनउ री मो मन जिन सेती... ३७०४. लुद्रवइ पट्टणि देहर ... ५२८१. लुलि लुलि वंदो हो तीरथ .... ३९८१. लोभ तजो भवि प्राणिया ... ४८३८. लोयण भरि निरखंत... ३८९४. लोवरी नीकउ तेरउ भाग .... ४५२२. लौद्रपुर अतिसोहतो रे.... ५७४०. लौद्रपुर अति सोहतौ ... ४३२९. लौद्रपुर पासप्रभु भेटियइ... ४७९८. लौद्रपुर रलियामणो रे... ६७२४. लौद्रवपुरइ आज महिमा घणी... ३५७७. लौद्रवपुर मंडण प्रभु पास... ३४८८. वंछित पुरे विधि परे..... ६५५७. वंदउ वंदउ रे श्रीजिनसागरसूरि वंदउ री ... ६१६२. वंदन श्री महावीर पावापुरी जायै री... ६३०२. वंदि चउवीस जिन गुरुचरण... ५९४९. वंदीजइ सद्गुरु... ३५९२. वंदु जिणवर विहरमाण... ४६३१. वंदु रिषभ जिणंद विमलाचल नउ... ३४०६. वंदु श्रीजिनराय मन... ४१२०. वंदू जिन नायक वर्द्धमान.... ५२८२. वंदू मन सुध विहरत भाण... ७१३२. वंदे गुरुवरम्... ५१९६. वंदो जिन चउवीस... ५८४०. वंदो गुरु चरण... ५८१३. वंदो भवि नितं..... ४०४३. वंदो वंदो रे श्रीजिन... ४९०५. वंदो श्री जिनदत्तसूरि ... ६२४२. वडवखती गुरु जिन गाजै... ३२२२. वड वखती साहिब... ६१५३. वड वडा भूपति साथले रे.... ४८०४. वणारिसी नगरी भली... ३१८१. वण्योरी म्हारे या. प्रभु सै रंग... ३४५७. वदन कमल... ४७४१. वयण अम्हारौ लाल हीयड़ै धरीजै... ४३९४. वरकाणा प्रभु थारे... खरतरगच्छ साहित्य कोश 4 Jain Education International ४१४८. वरकाणा प्रभु राजियो... ४३३८. वरग विछोहउ परिहारि... ४०८६. वरतमान चउवीसी वंदू... ३७५०. वरदाई रे वरदाई रे प्रभु मेट्या... ५८५२. वरदायक हंसवाहिनी... ६०२२. वर दे तुं वरदायिनी ... ३८४३. वर द्यौ मात सरस्वती वीनति... ६०२३. वरधमान जिनवरतणाजी... ३९३४. वर्धमान जिनचंद कुं.... ३९८०. वर्धमान जिनवर नमि... ३९६६. वर्धमान जिन वंदिय... ४९२५. वर लच्छि विलास.... ७०३८. वरषत वचन मीठो सुगुरु मेरो..... ३२४१. वरसण लागी काली वदरीया... ३२७८. वसन्त सुवरषा आई सखी मेरी... ४६८९. वहिरण वेला पांगुरया रे हां.... ४६०५. वहिरण वेला हो रिषिजी पांगर्या ... ३२२४. वांणी सुधारस वरसै प्रभु तेरी... ३३१७. वाचक विमलकीर्त्ति गुरुराया..... ३२९८. वाचक विमलकीर्त्ति गुरुराया...' ६८९२. वाचनाचार्य सुखसागर वंदियै .... ७०३२. वाजत रङ्ग बधाई ... ७०२७. वाजा वजीयां ध..... ५१२२. वाटड़ली विलोकुं रे भावि जिन तणी रे. ६४८१. वाणिकराव गुरुजी वाणि.... ३८६२. वाणियगामि गाथापती .... ५१०१. वाणि रसाल अमृत रस सारिखी... ३१८२. वाधै रंग बधाई सवाई वाधत रंग... ३११४. वामानंदनदेव अरज मो.... ६०५७. वामानंदन पास सुणो मुझ वीनती... ६०५६. वामानंदन वंदिय... ३७३१. वामानंदन वंदीयइ ... ४७६२. वामानंदन वीनवूं रे ६३३३. वामानंदा जिणंद के पद पंकज ... ५९९५. वामाराणी जायो कींकौ... ४०४७. वामासुत महिमानिलउ.. ५५७१. वामेय प्रभु महिमानिलो ... For Personal & Private Use Only ६०५ www.jainelibrary.org

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