Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 667
________________ ५५७३. प्रभु मूरति सोहइ अतिभली.... ४१९९. प्रभु मेरे कुण गति होइगी मेरी..... ५७३१. प्रभु वंदण... ४४७७. प्रभु वंदन राजिमती रे हाँ.... ६४९७. प्रभु समरथ साहिब देवा रे... ३६१९. प्रभु सुविधि जिणंद सुखकारी.... ५७०४. प्रवर श्री जिनधर्म... ६७४१. प्रसन्नचंद प्रणमुं तुम्हारा... ६१६६. प्रह उठी सद्गुरु अमे पर स्युं.... ६५०४. प्रह ऊठी गौतम प्रणमीजइ... ६८७३. प्रह ऊठी नइ प्रणमुं पाय.... ६२९८. प्रह ऊठी नित प्रणमियइ हो... ६५७६. प्रह ऊठी प्रणमुं सदा रे... ५१९१. प्रह सम आलस तजि परौ... ३८२७. प्रह समइ थंभण भेटीयई... ४०५८. ग्रह समइ पास जिणंदनी रे... ५५९४. प्रहसम गौतम ... ६९०२. प्रह सम पूजो... ३५४५. . प्रह सम प्रणमौ नेमिनाथ... ३७४१. प्रहसमि समरउ श्री महावीर.... ४०३३. प्रह समे पास जिण पाय पंकज समी... ५६३०. प्रह समें प्रणमुं... ४०१७. प्रह समै पास जिण पाय पंकज नमि... ४०४१. प्रहसमै प्रणमी करी.... ४८१४. प्राण पिया के चरण सरण गहि... ६११८. प्राणी प्रणमउ सती ... ४७४७. प्राण सनेही प्रीतमा... ३५१७. प्रात: उठ समरियै श्री ऋषभदेव देवा..... ३५२८. प्रत्तः ऊठी समरीयै.... ६७३९. प्रात: भयउ प्रातः भयउ ... ६४८५. प्रात समइ उठि प्रणमियइ... ५५९३: प्रातः समय गौतम समरीयइ... ४६५१. प्रात समै उठि प्रणमीयै.... ६८७८. प्रियडुउ आव्यउ रे आसा फली ... ५७३३. प्रिय मो ते कहे ... ५६६४. प्रिय प्रीत कि रीति न जाणी हो.... ६७९७. प्रियु मोरा तई आदरयउ वइराग..... खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International ६८७९. प्रीतड़ियां न कीजइ हो नारि... ६८८०. प्रीतड़ी न कीजइ हे नारि ..... ५७२९. प्रीतम एक मिलिया री.... ४१८५. प्रीतम तणौ मुझ ऊपरै. ५७३४. प्रीतम मोहि... ४४७८. प्रीति की रीति न जाणि हो... ६१५४. प्रीति के फंद परो मत कोई ... ४४८५. प्रीयु पति कहे राज लगार.... ५२०९. प्रेम मन धारि नित पहुर.... ५७१३. फलवद्धि पास तुं चिर जयो... ६७१९. फलवर्द्धि मण्डन पास... ३१९४. फागुण फाग सुहाए सखी मेरी... ५७६१. फुलउ वाग सुहामणौ ... ५४७७. बइठौ हिवडै आविनै हे.... ४२८८. बउरे मास बरस हुं बउरे... ३५९१. बंदु जगदाधार सार... ५४२१. बडभागी वे... ३७०३. बडवखती साहिब... ५६४३. बतावइ हो कोई .... ६९१८. बनी हे सद्गुरु की ठकुराई... ५७३६. बलदेव मन वैरागियो... ... ६५७८. बलिहारी गुरु वदनचन्द बलिहारी. ६०८३. बलिहारी जाऊं साधनी... ६२३१. बलिहारी तोरे नाम... ६३१९. बलिहारी हूं कुशल.... ६५५५. बहिनी बावउ मिलि वेलड़ी जी... ४३३३. बहिनी एक वयण अवधारउ... ६८४४. बांधव मूक्या बहिरखा रे... ४२६५. बांहे पहिर्या बहरखां... ५२२३. बाकुं दूजै पछिं दूज वंदत है कोउ ... ६०८७. बाट जोवंती निशदिन... ६२५७. बात किसी तुझ नइ कहूं... ३१७०. बाबो चिंतामणि पास विराजे... ६२११. बार बार अभिनन्दन... ६६२२. बारे भेद तप तपइ गति पामइ... ५१२५. बारै वरस तप साधन कीनो... ४२७३. बालेसर मुझ वीनती गउडेचा राय .... For Personal & Private Use Only ... ५९७ www.jainelibrary.org

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