Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 653
________________ ३१४६. चिंतामणि दरसण भले पायो... ५७३९. चिंतामणि पास पूजिया..... ३१४७. चिंतामणि मुझ चित वसै... ३१४८. चिंतामणि मेरे चित में बसे हैं.... ६६९१. चिंतामणि म्हारी चिंता चूरि..... ६१३८. चरण शरण तुझ आयो है .... ६१२४. चरन सरन तुझ आयो.... ५३९९. चरणों के हैं चाकर..... ६२०१. चरणों में आए दादा.... ६२१४. चल के आये हैं..... ४१६९. चलो दादे जाइये... ३९१०. चलो पुण्य प्रतापी.... ३३८६. चलो प्यारे सयान... ५८३९. चलो री सखी आज... ६९५८. चलो सखी पूजवा ... ५७६४. चलो सखी शत्रुञ्जय गिरि जाई.... ४८८१. चांदलिया संदेसो जिनवर ने कहे रे.... ६६६९. चांपा ते रूपड़ रूपडा... ४१३७. चारि चरण चठ... ६३८१. चारित तेई चिंतवै रे हो.... ६४६२. चालउ रे सखि शेडुंज जइयेरे..... H ३५३५. चिंतामणि सामी में हुं दास तुम्हारा..... ३१४९. चिंतामणि सुप्रसन्न आज भयो .... ३५५८. चिंतामणि स्वामी मैं हुं दास तुम्हारा... ३१४३. चित हितधर चिंतामणि भजरे.... ४८१९. चित्त चिंतै कांई बात... ५४४८. चित्त जइ हो प्रभु लाग्यो रङ्ग... ४३८८. चित्त सेवा प्रभु चरण की.... ५५२९. चित्त हमारो ल्याउ.... ४९८९. चिदानंद आनन्दमय... ६५७३. चिहुं खंडि चावा चोपड़ा... ६५१३. चिहुं दिशि थी चारे आवीया... ६९०५. चेइय मंडकुएथ कूट मूलइ ध्यान... ५७५३. चेत चतुर चित प्राणी.... ४९७१. चेतन खेले नौ ककरी री.... ६४०४. चेतन चेतइ जीउ चित्त मइ... चेतन चेत रे चलि मां चपलाइ... चेतन चेतना संभार.... ६७२३. चालउ लौद्रवपुरे..... ६६८७. चालउ सखी चित चाह सुं.... ६५७१. चालउ सहेली सद्गुरु वांदवाजी... ५३००. ३५५९. ३३५७. चेत नर क्यूं भूला.... ४९७३. चेतन बिन दरियाव दी मछरी रे... ४२०९. चालउ हिब चठवीसट .... ४२७५. चालउ हिव चडवीसट... ३३४५. चाल चाल म्हारा... ३३८७. चाल चाल म्हारा... ३३७९. चालो चालो हे. ५१४२. चालो चालोने राज..... ४९७२. चेतन में हूँ राव री रानी..... ४८२०. चेत रे तूं चेत प्राणी.... ५५४६. चालो नाभिका नन्दन... ५१४३. चालो सखि जिन वंदन.... ४४२१. चालौ नाभिको नन्दन.... ६३३६. चालौ री सखीय आपे वंदन जइयै.... ५५३७. चेत रे तूं चेत प्राणी... ६७८१. चेला चेला पदं पदं ६५०१. चेला नहीं तउ म करउ चिंता... ५२६६. चैत्य प्रवाडे चौबीसटे..... ४५५२. चोवीसे जिनवर ... ५८१८. चौवीस जिन प्रणमी करी.... ५२२१. चावौ गच्छ चौरासिये.... ६०६३. चावौ देवल चउवीसटौ.... ६७२०. चिंतामणि चालउ देव जुहारण जावां ... ५६०१. चौवीसे जिनवर..... ३९८७. चौवीसम जिनवर नमूं .... ४०९६. चिंतामणि चितधर रे चेतन... ३१४४. चिंतामणि चित धार... ३१४५. चिंतामणि चित में बसें सहेलडीयां... ६६४२. छपन कोडि यादव मिलि आए..... ५२२२. छाजति छवि चंदा सुख कंदा.... ३३५८. छाजेड़ कुल रो... ५०६१. चमके चमके.... ३१४२. चरण कमल जिनराज ना हो..... खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only ५८३ www.jalnelibrary.org

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