Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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३७७६. थंभन पास प्रगट परमेसर... ४१४३. थलवट देश सुहामणों... ४७३९. थांनइ वीनती करां छां राजि... ३९३५. थांपर वारी हो जिनजी... ५८५७. थांरा दरसण की...
३३६२. थांरा विरुद म्हें...
५२१५. थिया कोई दिवस मन कोड करतां थकां .... ६७८५. थिर अकबर तूं थापीयठं...
३३८०. दत्त कुशल
३३९०. दत्त गुरु दरस ....
३८१२. दया कर दरस... ४०६४. दया धर्म दातार... ३९११. दयामय मेहला आजे.... ४१२६. दया मिठाई रस भरी रे... ३७८२. दया विण करणी दु:ख देणी .... ५४०४. दर पे कोई आके...
४९७५. दरवाजा छोटा रे निकला सारा जगत... ५६३२. दरशन अब दिखलाओ.... ३९२२. दरसण कीयो...
३६९५. दरसण दादा ए अपनउ मुझनुं .... • ४७९५. दरसण दीजे आपणो हुं वारी..... ६४२२. दरसण दीजे राज...
४७९६. दरसण दीठौ राज रौ सांमलिया...
३१६२. दरसण देखी सांमनो रे...
४१४४. दरसण देज्यो हो खरतरगच्छ राजा...
३१६४. दरसण द्यो महाराज...
३३६३. दरसन देना जी.... ३४५१. दरसन हो दुःख भाजै.... ४५८६. दर्शन दीजोजी...
६२१९. दर्शन देना हमें...
३८०३. दर्शन दो गुरुदेव .... ४५७८. दर्शन दो श्री....
४०४८. दवदन्ती धन राजकुमरिया..... ४२९७. दस दृष्टांते दोहिल उ... ४००४. दस दिशे देशे .... ३३२५. दस दिस दादोजी... ३३३४. दस दिस दादोजी....
खरतरगच्छ साहित्य कोश
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३६९६. दस दिसइ दादा दीपतो... ६७७८. दसमइ भव श्री शान्ति जी .... ४०४९. दस श्रावक नित वंदू... ६५३१. दाखि हो मुझ दरसण दादा.... ४५९१. दातार मेरे प्यारे ....
३४७६. दादउ द्यइ सदा सुख सोहग... ३८१०. दादा अन्तरयामी..... ६४१२. दादा आपकी जय हो... ६२२२. दादा ओ दादा... ६३१८. दादा कुशल सूरिंद.... ६३०९. दादा के चरणों में...
५०६९. दादा गुरु चरणों... ३८०४. दादा गुरु तेरे.... ५०७८. दादा चन्द्रसूरि... ४१०१. दादा चिरंजीवो... ५८६२. दादा जिनदत्त...
५५१८. दादाजी के आये...
६५२७. दादाजी दीजइ दोय चेला..... ५६३३. दादाजी दीसे हो सहु दीपतो.... ३४०२. दादाजी दौलति दाता... ६५३९. दादाजी वीनती अवधारो.... ५४४२. दादाजी श्री जिन.... ४१४५. दादाजी हो करण्यो दया..... ४९४७. दादा तुम्हारे....
५०७०. दादा दत्तगुरु....
५०७१. दादा दत्तसूरि... ५४१०. दादा दत्त सूरिन्द...
४१२९. दादा दया करो....
६९७७. दादा दरसन दे....
५५१३. दादा दीजिये मनवंछित दौलति....
४५७९. दादा देव दयालु....
३६९८. दादा पूरउ हो वंछित ....
३६९७. दादा पूरि हो मन आस.... ३६७६. दादा पूरि हो मनवंछित मोरा .....
३३६४. दादा महिर निजर....
३४७७. दादा मोहे दीजिए शिष्य... ५०६२. दादा श्री जिन...
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