Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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९१६. सार्की द्वादशहेमकोटि.... २३६७. सिग्घमवहरउ विग्घं... १४५५. सिद्धक्षेत्रगोपाचल... १३०४. सिद्धगन्धर्वविद्याधरश्रेणिभि... २४७१. सिद्धते पढमाणुओगकहिए...
१५८. सिद्धाचलश्रीललना... २०८१. सिद्धार्थराजननन्दन...
२७३. सिद्धो वर्णस्समाम्नाय... १३२१. सिरिगिरिसरदेवयमंडणं पणयपाणि... १२२०. सिरिनिलय जम्बूदीवो य... १४९५. सिरिफलवद्धियनयरमण्डण... १५४८. सिरिभवणथंभणपुरे... २३९८. सिरिवीयराय देवाहिदेव... १०६६. सिरि सत्तंजयतित्थे...
९२५. सिरि सुयदेवि... २४४७. सीमन्धरं जिनवरं युगमन्धरं च... १३०२. सुकृत कीधउं मइ भवि पाछिलइ... ११६१. सुक्ख निधि जिनवीर...
८९१. सुखं सर्वा सम्पद्... २०७४. सुचण्डिमाडम्बरपञ्चबाण... २१८०. सुयशस्वियशोमुनिहर्षमुनि...
९२७. सुरकिन्नरवन्दित... १४५१. सुरनरकिन्नरपणयं... २०६५. सुनरवइकयवंदण...
१५२८. सुरदानववन्दितपत्कमले... २५९९. सुरपतिनतपादः प्रास्तमिथ्याप्रवादः:.. २०३६. सुराचलश्रीजिति... १६२. सुरेन्द्रवन्दारुशिर:किरीट... ६९०. सुविलसच्छरदिन्दुसमाननं... ६३५. सुविहाणउ जइ आज मई...' १३५९. सुविहाणउं जइ आज मई... २१०१. सुवृत्तं सकलं सौम्यं...
५०४. सो गुरु सगुरु जु छविह जीव... १८३०. सौभाग्यभाजनमभंगुरु... १४८२. सोहग सुन्दर रूपिहिं रूडउ... २६११. स्तुवन्तु तं जिनं...
९६६. स्थगिताश्रवसंवरभावधरी... २९६१. स्फूर्जत्केवलबोधदर्शनधरान्... २०९१. स्वःश्रेयसरसीरुह... १५३५. स्वर्णक्षोणीभृदभ्र... ३०४७. स्वर्णक्षोणीभृदभ्रंकशिखर...
११९. स्वर्णसिंहासनं स्वामिनोधःस्थिति... १११४. स्वर्लोकाच्च्यवनं च गर्भहरणं... ६६१. स्वस्तिश्रिये श्रीऋषभादिदेवं... १३६९. स्वश्रियं श्रीमदर्हन्तः... १०६१. स्वस्ति श्री सुखदायक... १४३४. हर्षनतासुरनिर्जरलोक...
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द्वितीय परिशिष्ट
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