Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 611
________________ ७४७८. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, राजस्थान का जैन साहित्य (सम्पादक मण्डल में), सम्पादन, हिन्दी, सन् १९७७, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४७९. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, राजस्थानी-हिन्दी हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र __ भाग ५, सम्पादन, सन् १९८३, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७४८०. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, राजस्थानी-हिन्दी हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र भाग ६, सम्पादन, सन् १९८३, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७४८१. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, लिङ्ग निर्णय, सम्पादन, कोश, संस्कृत, सन् १९८१, आर्य जयकल्याण केन्द्र, बम्बई ७४८२. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, वल्लभ-भारती प्रथम खण्ड, शोध प्रबन्ध, हिन्दी, सन् १९७५, मु., श्रीमाल सभा, जयपुर ७४८३. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, विधि मार्ग प्रपा, सम्पादन, विधि, प्राकृत, सन् २०००, ___मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४८४. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, वृत्तमौक्तिकम्, सम्पादन, छन्दशास्त्र, संस्कृत, सन् १९६५, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७४८५. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, शासन प्रभावक आचार्य जिनप्रभ और उनका साहित्य, लेखन, इतिहास, हिन्दी, सन् १९७५, मु., अभय ग्रन्थालय, बीकानेर ७४८६. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, शुभशीलशतक प्रथम भाग, सम्पादन, कथा, अनुवाद, सन् २००५, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४८७. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, श्रावकधर्मविधिप्रकरण, अनुवाद एवं सम्पादन, प्रकरण, प्राकृत, हिन्दी, सन् २००१, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ७४८८. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, संस्कृत-प्राकृत के हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र भाग ७, सम्पादन, सन् १९७९, म..रा.प्रा.वि.प्र., जोधपर ७४८९. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, संस्कृत-प्राकृत के हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र भाग ९, सम्पादन, सन् १९७९, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर । ७४९०. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, संस्कृत-प्राकृत के हस्तलिखित ग्रन्थों का सूची पत्र भाग ११, जोधपुर संग्रह, सम्पादन, सन् १९८४-८५, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७४९१. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, संस्कृत-प्राकृत के हस्तलिखित ग्रन्थों का - सूची पत्र भाग १८, जयपुर संग्रह, सम्पादन, सन् १९८४-८५, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७४९२. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, संस्कृत-प्राकृत के हस्तलिखित ग्रन्थों का सूची पत्र भाग २१, अलवर संग्रह, सन् १९८४-८५, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७४९३. विनयसागर महो० / जिनमणिसागरसूरि, सङ्घपति रूपजी वंश प्रशस्ति, सम्पादन, काव्य, ___ संस्कृत, सन् १९६८, मु., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर खरतरगच्छ साहित्य कोश 541 wwwaainemorary.org Jain Education International

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