Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 626
________________ क्रमांक २६९८ कर्ता नाम क्रमांक कर्त्ता नाम मतिमन्दिर २५१३ | महीमेरु महो. १५८० मतिरत्न ५५०८ | महेन्द्रप्रभाश्री ५८२४-५८२६ मतिलाभ ५५०९ | | महेन्द्रसागर ५८२७-५८३४ मतिवर्द्धनगणि ६००, ११२१, १३७१, २९८८ | माईदास ५८३५ मतिविलास ५५१०,५५११ माणक ५८३६-५८४४ . मतिविशाल ५५१२ माणकचन्द ५८४५ मतिसार ६९९ माणकमुनि ५८४६,५८४७ मतिसोम ५५१३ माधव ५८४८-५८५० मथुर २०३९ मान ५८५१ मदन ५५१४ मानसाह ५८५२ मदनलाल जोशी ७३६६ माल ५८५३ मनसोम मालदेव ५८५४ मनोहर ५५१५-५५१९ | मुक्तिमोहन उपाध्याय ५८५५-५८५७ मलयहंस १९१ | मुनिचन्द्रोपाध्याय ४७, १५८१ मलूकचन्द २४८९ | मुनिप्रभ ५१४ महिमराजगणि ५५२०-५५२२ | मुनिमेरु उपाध्याय ५९, ६२२, १२२०, १४२१ महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़ | मुनिराज २६४१ ५१७, ८३१, १४२२, १८६६, २८९८, ५५२३- | मुनिविमल ५८५८ ५८०८ मुनिसोमगणि २२३२, २७८० महिमसिंह (मानसिंह) १०८, २२२, ३८९, ४७७, मुनिहर्ष ३९९ ८३४,१०११, १९२८, २१६५,२१७४, २२५४, | १८८२ ३०७४, ५८०९,५८१० मेघनिधान ४७८,५८५९-५८६१ महिमसुन्दरोपाध्याय १३००, २५६५ मेघराज नाहटा ५८६२ महिमाप्रभसागर मेरुकुशल ५८६३ महिमाभक्ति ५८१२,५८१३ मेरुनन्दनोपाध्याय २७, १७०, २८७, ५८०, महिमामेरुगणि १२९०,५८१४, ५८१५ ५९७,६०५,६१०,६६६,९०८,९९८, १०००, महिमाशील ५८१६ १३२२, १३२३, १५८२,१५८३,१५८४,१५८५, महिमासेन २३२० १५८६, १५८७,१५८८,१५८९,१५९०,१५९२, महिमाहंस ५८१७ १५९३, १५९४, १५९५, २१०३, २२११, २३१४, महिमाहर्ष २३१७,५८१८-५८२३ २४०६,२४४८,२५६४,२६१२,२६१३, २६८५, महिमोदय ५१२,५४०,८४७, १०२२, १३८०, २८७३, २९६५, ३०३२, ३०३३ १८३४, २७०९, २७२५ | मेरुसुन्दरोपाध्याय २६, ३१, १७१, १७८, २५२, महीचन्द्र २२३ । ३२२, ३४४, ८७२, १३६७, १५९६, १५९७, ५५६ प्रथम परिशिष्ट Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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