Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 619
________________ कर्त्ता नाम क्रमांक चारुदत्त ३८३० चिदानन्द प्रथम .८१५, ८२१, १७४३, १८१५, १८७४, १९३२, २०५४, ३८३१, ३८३२ चिदानन्द द्वि. (कपूरचंद) ४०, १२८, १४२, ४३४, ९९५, १०८५, ११५५, २६६७, २६६८, २७१४, ३०४४ चुन्नीदास चैनरूप चैनसुख छोटेलाल जगडू जगनाथ जगरूप जयकर्ण जयकीर्त्ति उ. जयकीर्त्ति उ. जयकुशल जयचन्द (जयविमल ) जयचन्द्र १७७४, १८५२, २७७६, २७८१, ३८४९, ३८५० १८, १४६१, २९८७ ४०६, ४४८, ११२५, ११८६, १२८८, २१९३, ३००१, ३८५१ - ३८५६ ७९, ३१५, २०१३, ३८५७-३८६७ जयधर्मोपाध्याय जयनिधानोपाध्याय ३८३३ १३८५ २४८२, २५५८ ३८३४ २८४९ ७०२ ८५१ ३८३५ ४१८, ४६२, १७६८ २६९५, २७३३, ३८३६-३८४१ १८६२ १९०४, १९३३, २११५, ३८४२-३८४८ जयरङ्गोपाध्याय (जैतसी) जयवर्द्धन जयसार जयसार जयसागरोपाध्याय १५०, १५६, २१४, २६४, ५००, ५७८, ६०४, ६०६, ६३५, ७२७, ७४५, ७५१, ९०४, १०६५, १०६९, १२११, १२८४, १२९९, १३०१, १३०२, Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश कर्त्ता नाम क्रमांक १३०३, १३०४, १३२८, १३५८, १३५९, १३६८, १४०५, १४३१, १४३२, १४६२, १४६३, १४६४, १४६५, १४६६, १४६७, १४६८, १४६९, १४७०, १४७१, १४७२, १४७३, १४७४, १४७५, १४७६, १४७७, १४७८, १४७९, १४८०, १४८१, १४८२, १७५९, १८७७, १९०२, १९९७, २०६४, २०६७, २२३०, २३२१, २३२८, २४०२, २४४७, २४४९, २४५१, २४५७, २४९०, २६०४, २६०५, २७२३, २७६४, २८८३, २८८७, २८८८, २८८९, २९५९, २९६३, ३८६९-३८९६ जयसोमोपाध्याय २०८, २०९, ३२९, ५७९, १४८३, १४८४, १४८५, १४८६, १४८७, १६७९, १७६२, १७६३, १८०७, १८०८, १८०९, १८७६, १८८७, २३२६, २४३६, २८९४, ३०३०, ३८८६-३८९६ जयानन्द ११८० ल्ह कवि ३८९७ जिनकवीन्द्रसागरसूरि २४५, ७४१, ७६८, १०५४, १६७५, १६८२, १६९१, १७०१, १७०२, १७१४, १७२२, १७२९, १७३०, १७३२, १७३८, १९६६, २५०२, ३०६७, ३८९८-३९१४ जिनकान्तिसागरसूरि जिनकीर्त्तिरत्नसूरि जिनकीर्त्तिसूरि जिनकुशलसूरि ३८६८ २७२३ २७१८ १६, १७, २२, १०५, ११९, जिनगुणप्रभसूरि ३९१५, ३९१६ ६६९ ३२५, ७६९, २९१४, ३९१७ १५७, १५८, ६३८, ७३१, ९०५, १३०५, १४३३, १४८८, १४८९, १४९०, १४९१, १४९२, १४९३, १४९४, १४९५, २५८६, जिनकृपाचन्द्रसूरि ३७०, १०१०, १६८९, २७००, ३९१८-३९९८ ७१८, १७४५, २६५०, ३९९९-४०१९ १३४ ११६३, २७२४, २९४८ जिनचन्द्रसूरि आद्यपक्षीय जिनचन्द्रसूरि For Personal & Private Use Only ५४९ www.jalnelibrary.org

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