Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 577
________________ ६९२२. साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, नेमिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. ४', अ., ह. वर्द्धमान-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६९२३. साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, नेमिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ___'गा. ४', अ., ह. वर्द्धमान–बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६९२४. साधुकीर्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, नेमिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ___'गा. ५', अ., ह. वर्द्धमान-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६९२५. साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, नेमि धमाल गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-खेलइ नेमि मुरारि... गा. १७', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २८९८१, २ ६९२६. साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, मौन एकादशी स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६३४ अलवर, 'गा. १६', अ. ६९२७. साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, विमलगिरि आदिजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, __ १७वीं, 'गा. १३', अ., ह. वर्द्धमान–बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६९२८. साधुकीर्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, शत्रुञ्जय स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-पय प्रणमी रे जिणवरना शुभ भाव लइ... गा. १६', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-१, पृ. २२० ६९२९. साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, शीतल जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६३८, अ. ६९३०. साधुकीर्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, सुमतिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. १८', अ., ह. वर्द्धमान-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६९३१. साधुकीर्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, स्तम्भन पार्श्वजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, .. १७वीं, 'गा. १६', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ६९३२. साधुचन्द्र सागरचन्द्रसूरि शाखा, तीर्थराज चैत्यपरिपाटी, गीत स्तवन, राजस्थानी, १५३३, अ. ६९३३. साधुरङ्ग उ० / सुमतिसागर उ०, चौवीस जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-पहिलुं प्रणमुं आदि... गा. १४', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १७८८ ६९३४. साधुवर्धन, जिनकुशलसूरि छन्द, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-परतिख परचा . पूरवे... गा. १०', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. २१२ ६९३५. सिद्धितिलक / सिद्धिविलास, जिनकुशलसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ६९३६. सिद्धितिलक / सिद्धिविलास, जिनचन्द्रसूरि गीत ?, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ६९३७. सिद्धितिलक / सिद्धिविलास, शान्तिजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८०३, 'गा. १७' अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर 507 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692