Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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७०१७. हर्ष / बेगड़, जिनसमुद्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-मेरइ आणंदा भेट्या
सुगुरु मुणिंदा... गा. ३', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ७०१८. हर्ष, गुरुदेव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-आज की घड़िया... गा. ५', मु.,
दादागुरु भजनावली, पृ. ५२४ ७०१९. हर्ष, जिनकुशलसूरि बधाई, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, आदि-आज आनन्द... गा. ३', मु.,
दादागुरु भजनावली, पृ. ३८६ ७०२०. हर्ष, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, आदि-हेली है सद्गुरु... गा. ४',
मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३८१ ७०२१. हर्ष, जिनदत्तसूरि लावणी, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, आदि-जगत् में सद्गुरु... गा. ४', मु.,
___दादागुरु भजनावली, पृ. ४१ ७०२२. हर्ष, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-ऐसे गुरु ध्याऊं... गा. ३', मु.,
___दादागुरु भजनावली, पृ. १०३ ७०२३. हर्षकुञ्जरोपाध्याय / भुवनकीर्ति उ०, जिनकुशलसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, आदि
__ सद्गुरु समरं सुख दातार... गा. १२', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ ७०२४. हर्षकुशल / मेघविजयगणि, महावीर २७ भव स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, अ.,
___ ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ७०२५. हर्षकुशल / मेघविजयगणि, महो. पुण्यसागर गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि
- श्री जगगुरु पय वंदीयइ... गा. ६', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. ५७ । ७०२६. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, आदिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, 'आदि-लगन मेरी
नाभिनन्दनजी सों लागी... गा. ४', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २८९८९ (३) ७०२७. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, आदिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, 'आदि-वाजा वाजीयां
धरां...गा.८': अ..ह.रा.प्रा.वि.प्र.. जोधपर ३१२२५ (१६६) ७०२८. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, आरती, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, 'आदि-आरती करत जिनेश्वर
___की... गा. ४', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३१२२५ (११२) ७०२९. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, कुंथुनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, 'आदि-सुभ गति नाचत
है सुरनारी... गा. ५', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३१२२५ (११९) ७०३०. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, 'आदि-सद्गुरु
. करुणा... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३८१ ७०३१. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, जिनचन्द्रसूरि गीत जिनरत्नीय, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, 'आदि
श्रीजिनचन्द सूरीश्वर वंदीयई रे... गा. ९', मु. ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. २४५ ७०३२. हर्षचन्द्र / रूपहर्ष, पद, गीत स्तवन, राजस्थानी, आदि-वाजत रङ्ग बधाई... गा. ४', अ., ह.
रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३०३६० (४९)
खरतरगच्छ साहित्य कोश
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