________________
७२०२. गणेश ललवानी / रावतमल, चंदन मूर्ति, लेखन, उपन्यास, बंगला ७२०३. गणेश ललवानी / रावतमल, जैन धर्म व दर्शन, लेखन, बंगला ७२०४. गणेश ललवानी, जैनिज्म इन इण्डिया, लेखन, इतिहास, अंग्रेजी, सन् १९९७, मु. प्राकृत
भारती अकादमी, जयपुर ७२०५. गणेश ललवानी / रावतमल, त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित पर्व १ से ७ बंगला अनुवाद,
काव्य
७२०६. गणेश ललवानी / रावतमल, दस सेयथ आवर लोर्ड, लेखन, अंग्रेजी, जैन भवन, कलकत्ता ७२०७. गणेश ललवानी / रावतमल, नीलांजना, लेखन, उपन्यास, बंगला ७२०८. गणेश ललवानी / रावतमल, पञ्चदशी, लेखन, एकांकी नाटक, बंगला, जैन भवन,
कलकत्ता ७२०९. गणेश ललवानी / रावतमल, पी. सी. सावणसुखा - ऐसेन्स ऑफ जैनिज्म, अनुवाद,
__ अंग्रेजी-हिन्दी, जैन भवन, कलकत्ता ७२१०. गणेश ललवानी / रावतमल, बरसात की एक रात, लेखन, कथा, बंगला . ७२११. गणेश ललवानी / रावतमल, वर्द्धमान महावीर, लेखन, चरित्र, हिन्दी, जैन भवन, कलकत्ता ७२१२. गणेश ललवानी /, रावतमल, श्रमण संस्कृति की कविता, लेखन, बंगला, जैन भवन,
कलकत्ता ७२१३. गणेश ललवानी / रावतमल, श्री भंवरलाल नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ, सम्पादन, अभिनन्दन
__ ग्रन्थ, हिन्दी, सन् १९८६, मु., श्री भंवरलाल नाहटा अभिनन्दन समारोह समिति, कलकत्ता नोट:- श्री गणेश ललवानी ने प्रायः बंगला और अंग्रेजी भाषा में लिखा है। इन पुस्तकों के अधिकांशतः
अनुवाद श्रीमती राजकुमारी बेगानी ने किए हैं और विविध संस्थाओं से प्रकाशित है। ७२१४. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अधर में लटका अध्यात्म ७२१५. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अनुगूंज ७२१६. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अन्तर के पट खोल ७२१७. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अन्तर-यात्रा ७२१८. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अप्प दीपो भव ७२१९ चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अब भारत को जगना होगा ७२२०. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अमीरस धारा ७२२१ चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अमृत संदेश ७२२२. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अष्टावक्र गीता, मु., संबोधि धाम, जोधपुर ७२२३. चन्द्रप्रभसागर म० / जिनकान्तिसागरसूरि, अहसास
खरतरगच्छ साहित्य कोश
527
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org