Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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६९५५. सुखानन्द / सुगुणकीर्त्तिम., पोथी री हीयाली, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि
इक छइ नारी रङ्ग रसीली रे... गा. ९', अ., ह. कांतिसागर संग्रह, धर्मकीर्ति लिखित
गुटका ६९५६. सुगुण / जयरङ्ग उ०, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि
सद्गुरु नी शोभा... गा. ६', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३७९ ६९५७. सुगुण / जयरङ्ग उ०, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-गुरु
वन्दन आये... गा. ७', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १०२ ६९५८. सुगुण / जयरङ्ग उ०, जिनदत्तसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-चलो
सखी पूजवा... गा. ५', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १०२ ६९५९. सुमतिकल्लोल उ० / यु. जिनचन्द्रसूरि, गीत संग्रह, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह.
वाडीपार्श्व भं., पाटण (पत्र २) ६९६०. सुमतिकल्लोल उ० / यु. जिनचन्द्रसूरि, तीर्थमाला-इडर से आबू यात्रा, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, १६५४, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ६९६१. सुमतिकल्लोल उ० / यु. जिनचन्द्रसूरि, बीकानेर ऋषभजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१६४४, अ. ६९६२. सुमतिकल्लोल उ०/ यु. जिनचन्द्रसूरि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-श्री अकबर बहुमान... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४४८, ऐतिहासिक
जैन काव्य संग्रह, पृ. ९४ ६९६३. सुमतिकल्लोल उ० / यु. जिनचन्द्रसूरि, यु. जिनचन्द्रसूरि स्तवन, ऐतिहासिक गीत, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-सारद पाय... गा. २३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४४९ ६९६४. सुमतिकल्लोल उ० / यु. जिनचन्द्रसूरि, शंखेश्वर पार्श्वजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'गा. १३', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ६९६५. सुमतिरङ्ग उ० / चन्द्रकीर्ति उ०, अध्यात्म शिक्षा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
___ 'आदि-घरि आवि सग्यानी जीवडो... गा. ११', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३०३६७ । ६९६६. सुमतिरङ्ग उ० / चन्द्रकीर्ति उ०, अध्यात्म शिक्षा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
___'आदि-साधो ऐसा पंथ संभारो... गा.५', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३०३६७ ६९६७. सुमतिरङ्ग उ० / चन्द्रकीर्ति उ०, अमृत ध्वनि, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, अ. ६९६८. सुमतिरङ्ग उ० / चन्द्रकीर्ति उ०, आत्मोपलम्भ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, आदि
आतम उलंभा तोहि आवै... गा. ६', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३०३६७ ६९६९. सुमतिरङ्ग उ० / चन्द्रकीर्ति उ०, आशा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-अवधू
धरीयै न करीयै आसा... गा. ५', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३०३६७
खरतरगच्छ साहित्य कोश
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