Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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५९८९. रामविजयोपाध्याय (रूपचन्द) / दयासिंह उ०, सहस्रकूट जिनबिंब विवरण स्तवन,
गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं-१९वीं, 'आदि-सिद्धाचल हो तीरथ राय... गा. १७', अ., ह.
रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ३१२२५ (१५७), विनय. प्रतिलिपि ५९९०. रामविजयोपाध्याय (रूपचन्द) / दयासिंह उ०, सीहचल्यो छन्द, गीत स्तवन, पंजाबी,
१८वीं-१९वीं, आदि केही गल्ला कत्थीया... गा. १४', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ५९९१. रूपलक्ष्मी, तपोधन मुनि सज्झाय, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८९२ 'गा. २१', अ., ह.
केशरियानाथ ज्ञान भं., जोधपुर ५९९२. रूपहर्ष / रामविजय, जिनरत्नसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं, 'आदि
श्री जिनरत्नसूरीश... गा. ७', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. २४१ ५९९३. लक्ष्मण, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि अष्टक, गीत स्तवन, राजस्थानी, अ., ह. विनय. प्रतिलिपि ५९९४. लक्ष्मीकीर्त्तिगणि / लब्धिमण्डनगणि, नवकार फल गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
__ अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर | ५९९५. लक्ष्मीकीर्त्तिगणि / लब्धिमण्डनगणि, पार्श्वजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
__'आदि-वामाराणी जायौ कीकौ... गा. ५', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९८१३ (१४६) ५९९६. लक्ष्मीचन्द्र / बालचन्द्रसूरि, चतुर्विंशति जिनस्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २०वीं, अ., ह.
खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ५९९७. लक्ष्मीचन्द भंसाली / आसानन्दजी भंसाली, चतुर्दादा स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २१वीं,
'आदि-आयेगा आयेगा... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ४८७ ५९९८. लक्ष्मीचन्द भंसाली / आसानन्दजी भंसाली, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि स्तवन, गीत स्तवन,
हिन्दी, २१वीं, 'आदि-तेरे दर्शन को जी... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. १३१ ५९९९. लक्ष्मीप्रभगणि / कनकसोम उ०, चौवीस जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'गा. २७', अ., ह. रामचन्द - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ६०००. लक्ष्मीप्रभगणि / कनकसोम उ०, धर्म गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६६४, 'गा. ८७', अ.,
ह. चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ६००१. लक्ष्मीवल्लभ उ० / लक्ष्मीकीर्त्ति उ०, जिनरत्नसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
- 'आदि-श्री जिनरत्नसूरीश... गा. ७', अ. ६००२. लक्ष्मीवल्लभ उ० / लक्ष्मीकीर्त्ति उ०, अष्ट प्रातिहार्य पार्श्वजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी,
.... १८वीं, 'गा.५', अ. ६००३. लक्ष्मीवल्लभ उ० / लक्ष्मीकीर्त्ति उ०, आत्म शिक्षा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८वीं,
'आदि-आतम मृगमद आफलै... गा. ९', अ. ६००४. लक्ष्मीवल्लभ उ० / लक्ष्मीकीर्ति उ०, इरियावही मिच्छामिदुक्कडं गर्भित स्तवन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १८वीं, 'आदि-पद पंकज रे प्रणमी वीर जिणंद रा... १३', मु., अभय रत्नसार
खरतरगच्छ साहित्य कोश
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