Book Title: Khartargaccha Sahitya Kosh
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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६७०१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-अष्ट प्रातिहार्य गर्भित, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-कनक सिंहासन सुर रचिय... गा. ९', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. १९८ ६७०२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-गवडीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-गौडी गाजइ रे गिरुयउ पारसनाथ... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. १६५ ६७०३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-गवडीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, आदि-गौडी पारसनाथ तूं गाजइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १६८ ६७०४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-गवडीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, आदि-गौडी पारसनाथ तूं वारुं... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १६८ ६७०५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-गवडीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, आदि-ठाम ठाम ना संघ आवै... गा.७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १६६ ६७०६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-गवडीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-तीरथ भेटन गई... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १६७ ६७०७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-गवडीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि–परतिख पारसनाथ तू गउडी... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. १६७ ६७०८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-चिन्तामणि, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-आणी मन सुधी आसता... गा.७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १७० ६७०९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-जैसलमेर मण्डन, गीत स्तवन,
- राजस्थानी, १७वीं, आदि-जैसलमेर पास जुहारउ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १४४ ६७१०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-जैसलमेर सप्तदशराज गर्भित __मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-पुरिसादानी परगड़उ... गा. ४७', मु., समयसुन्दर
कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १४६ ६७११. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पार्श्वनाथ स्तवन-तिमरीपुर मण्डन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, आदि–तिमरीपुर भेट्या पास जिनेसर बेई... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १७९
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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